बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर एक बार फिर से हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सरकार के पास युवाओं को 20 लाख रोजगार देने का ना कोई रोडमैप है, ना ही विज़न। बजट में आईट, फूड प्रोसेसिंग का उल्लेख तक नहीं किया गया। कहा कि हवा हवाई पेपरबाजी और जुमलेबाजी पर चल रही बिहार सरकार बस सब्ज़बाग दिखाना जानती है। उसे अमलीजामा पहनाने की ना उनके पास योग्यता है और ना ही इच्छाशक्ति।
कानून व्यवस्था पर घेरा
तेजस्वी यादव ने सीतामढ़ी जिले में शराब तस्करों द्वारा इंस्पेक्टर की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से भगवान के भरोसे है, यही कारण है कि दारोगा हो या कोई और पुलिसकर्मी उसे सरेआम गोली मार दी जाती है।
उन्होंने कहा कि यहां समीक्षा बैठक नहीं होती बल्कि भिक्षा बैठक होती है। जो भी अधिकारी आरसीपी टैक्स देते हैं उन्हीं की ट्रांसफर और पोस्टिंग की जाती है। लगे हाथों तेजस्वी ने नीतीश कुमार को चिट मिनिस्टर करार दिया और कहा कि नेता तो नीतीश कुमार कभी हुए ही नहीं। विधानसभा में भाकपा माले विधायक के साथ हुई धक्का-मुक्की की घटना की निंदा करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा में जनप्रतिनिधियों के साथ धक्का-मुक्की की जा रही है, ऐसा ना तो पहले हमने कभी देखा था और नहीं सुना है। इस सरकार में अफसरशाही अपने चरम पर है।
तेजस्वी यादव ने माले विधायक के साथ इंस्पेक्टर द्वारा की गई घटना के बारे में कहा कि ऐसे पुलिसवाले पर निश्चित कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे आवास पर भी इस इंस्पेक्टर ने कुछ ऐसा बर्ताव किया था और मेरे आवास से भी आम जनता को भगाया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी आदतन ये काम करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने वीडियो फुटेज देखकर कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा है कि अगर अधिकारी दोषी होंगे तो विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एनडीए के शासन काल में अपराध दोगुना
तेजस्वी यादव ने इससे पहले नीतीश कुमार सरकार पर प्रहार करते हुए दावा किया कि लालू प्रसाद के 15 साल के शासन की तुलना में राजग के कार्यकाल में अपराध दोगुना हो गया है। राज्यपाल फागू चैहान के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर मंगलवार को हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए तेजस्वी यादव ने यह दावा किया।
तेजस्वी ने कहा कि लालू प्रसाद ने जब सत्ता छोड़ी उस समय प्रदेश में संज्ञेय अपराधों की संख्या 97,850 थी जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शासनकाल के दौरान (वर्ष 2018 में) बढ़कर 1,96,911 हो गए, इस प्रकार संज्ञेय अपराधों की संख्या में 101.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के शासन को ‘जंगल राज’ के रूप में प्रचारित किया गया पर आंकडे स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि किसका शासन ‘जंगल राज’ रहा।
आंकड़ों के जरिए नीतीश सरकार घेरा
नेता प्रतिपक्ष ने अपने संबोधन में 1990 से 2005 के बीच लालू प्रसाद के 15 साल के शासन काल के और उसके बाद के 13 वर्षों के राजग शासन काल से संबंधित एनसीआरबी के आंकडें पेश किए। उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद ने राज्य की बागडोर संभाली तो वर्ष 1990 में संज्ञेय अपराधों की संख्या 1,24,414 थी और यह संख्या घटकर 1,15,598 रह गई थी। राजद नेता ने कहा कि बिहार देश में अपराध के मामले में वर्ष 2000 में 23वें स्थान पर था और 2005 में लालू प्रसाद के सत्ता छोड़ने के समय यह संख्या और घटकर 97,850 हो गई लेकिन 2010 में मामलों की संख्या बढ़कर 1,27,453 हो गई तथा 2015 और 2018 में यह संख्या क्रमशः बढ़कर 1,76,000 और 1,96,911 हो गई।
लालू के समय जंगल राज का झूठा प्रचार किया गया
तेजस्वी यादव ने कहा कि इससे पता चलता है कि लालू प्रसाद के खिलाफ जंगल राज का झूठा प्रचार शुरू किया गया जबकि आंकड़ें कुछ और ही दर्शातें हैं। ऐसे में किसके शासन को ‘जंगल राज’ कहा जा सकता है? तेजस्वी ने कहा कि अविभाजित बिहार (2000 में झारखंड राज्य के गठन के पूर्व) जिसमें 54 जिले थे, अपराध के मामले कम थे और बंटे हुए बिहार जिसमें केवल अब 38 जिले हैं, नीतीश कुमार सरकार के आंकडों को दर्शाते हैं।
वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार द्वारा भाजपा का नामांकरण ‘बड़का झुठ्ठा पार्टी’ (बड़ी झूठी पार्टी) किए जाने को याद करते हुए तेजस्वी ने कटाक्ष किया कि वे अब भाजपा की ‘स्टेपनी, कठपुतली’ बन गए हैं और उस दल की ‘अनुकम्पा’ पर मुख्यमंत्री बने हैं