टूलकिट मामले में आरोपी शांतनु मुलुक को बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद अब दिल्ली की कोर्ट से भी बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मुलुक की गिरफ्तारी पर 9 मार्च तक के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह आदेश मुलुक की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। मुलुक पर जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के टूलकिट को शेयर करने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक किसान आंदोलन के समर्थन में यह टूलकिट तैयार किया गया था।
पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा की अदालत ने शांतनु मुलुक को राहत देते हुए कहा कि पुलिस इस मामले मं जांच के लिए कुछ और समय मांग रही है। इसलिए आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाती है। वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि यह मामला बहुत संगीन है। इसकी परतें खोलने के लिए उन्हें आगे की जांच की जरुरत है। पुलिस ने अपनी जांच से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट भी कोर्ट में समक्ष पेश की। हालांकि इसे सार्वजनिकतौर पर खोला नहीं गया। पुलिस ने कोर्ट से ऐसा करने के लिए आग्रह किया था। पुलिस का कहना था कि बहुत सारे ऐसे तथ्य हैं जिन्हें सार्वजनिक करने से इस मामले की जांच प्रभावित हो सकती है।कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर गौर करते हुए आदेश दिया कि वह अगले महीने की 9 तारीख तक आरोपी शांतनु मुलुक के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बीच अगर पुलिस अपना कुछ पक्ष रखना चाहती है तो वह कोर्ट आ सकती है और संबंधित मसले पर पक्ष रख सकती है। कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 9 मार्च की तारीख तय की है। ज्ञात रहे कि दिल्ल पुलिस ने इस मामले में दिशा रवि, बंबई की अधिवक्ता निकिता जैकब व शांतनु मुलुक को आरोपी बनाया है। इन पर राजद्रोह व भारतीय दंड संहिता समेत अन्य आरोप लगाए गए हैं।