हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को कहा कि अगले महीने शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) कानून में संशोधन की मांग भी रखेगी ताकि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त हो सके।
अपने आवास पर बैठक के बाद हुड्डा ने कहा कि विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हम अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। कांग्रेस एपीएमसी कानून में संशोधन की मांग भी रखेगी ताकि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके। राज्य विधानसभा का बजट सत्र पांच मार्च से शुरू हो रहा है।
हुड्डा ने कहा कि हम राज्य विधानसभा के विशेष सत्र की मांग के लिए राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं। हम सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे क्योंकि राज्य में लोगों का विश्वास खत्म हो गया है।
हुड्डा ने दावा किया कि सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों में विद्रोह के स्वर उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चलेगा कि कौन सा विधायक सरकार के साथ है और कौन किसानों के साथ है।
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 90वें दिन भी जारी है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इस बीच किसानों को मनाने के लिए अब तक केंद्र सरकार की ओर से की गईं सभी कोशिशें बेनतीजा रही हैं।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।