भारतीय घरों में मैदा से बने नाश्ते का सेवन करना आम बात है जैसे, कचोरी, मठरी, नमक पारे, समोसे आदि। यह सब पुराने समय से होता आया है, लेकिन अब इसकी जगह पिज़्ज़ा और ब्रेड ने ले ली है। मगर बात वही है, हम पहले भी मैदा खाते थे और आज भी खाते हैं। माना की मैदे से बना अधिकतर खाना बहुत स्वादिष्ट होता है जैसे- रूमाली रोटी, नान, केक, पेस्ट्री, बेक्ड फ़ूड जैसे बिस्कुट, नमकीन, पास्ता, नूडल्स, समोसे … ये सूची कभी न ख़त्म होने वाली है!
मैदा सभी जंक फूड में पाया जाता है। यह होटल, घरों, स्ट्रीट फूड और बेकरी सभी जगह बहुतायत में इस्तेमाल होता है। जबकि हमें पता है कि मैदा (सफेद आटा) या इससे बने उत्पाद हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। लेकिन वास्तव में यह क्यों खराब है या यह हमें कितना नुकसान पहुंचा सकता है, यह हम में से बहुत से लोगों को नहीं पता है।
आइये जानते हैं कि मैदा सेहत के लिए क्यों हानिकारक है:
मैदा से बनी चीजें हमारे पेट को लंबे समय तक भरा होने का अहसास करवाती हैं। क्योंकि उसमें सिर्फ कैलोरीज होती हैं। आटे को महीन पीसकर मैदा बनाया जाता है और इस प्रक्रिया में उसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया और चोकर निकल जाता है।
![pizza side effects pizza side effects](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2021/02/23/16_9/16_9_1/pizza_side_effects_1614091630.jpg)
इसलिए मैदे से बने खाद्य पदार्थ पचने के लिए शरीर में मौजूद न्यूट्रीएंट्स का इस्तेमाल करते हैं। जिससे शरीर में विटामिन और खनिजों का भंडार कम हो जाता है। गेहूं, अपने परिष्कृत रूप में, शरीर के लिए हानिकारक है, क्योंकि यह न केवल आपको मोटा कर सकता है, बल्कि कई बीमारियों को न्यौता भी देता है।
साथ ही मैदा से बने फूड्स को बनाने और लंबे समय तक प्रीज़र्व रखने की प्रक्रिया में कई हार्मफुल टोक्सिंस मिलाये जाते हैं, जो शरीर के लिए और भी ज्यादा नुकसानदेह हैं जैसे:
1. बेंज़ोयल पेरोक्साइड ( Benzoyl Peroxide)
बेंज़ोयल पेरोक्साइड, एक ब्लीचिंग एजेंट है, जिसका उपयोग करके, मैदे को सफेद रंग दिया जाता है। बेंज़ोयल पेरोक्साइड एक हानिकारक रसायन है जिसे दांतों को सफेद करने वाले उत्पादों और हेयर डाई में उपयोग करने के लिए डाला जाता है। अपने केंद्रित रूप में, यह काफी विस्फोटक हो सकता है।
![buckwheat buckwheat](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2021/02/23/16_9/16_9_1/buckwheat_1614091707.jpg)
2. एलोक्सन (Alloxan)
मैदा को एक चिकनी बनावट प्रदान करने के लिए एक अन्य रसायन, एलोक्सन भी जोड़ा जाता है। पशु परीक्षण से संकेत मिले हैं कि ऐलोक्सान पैनक्रियाज़ की बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप टाइप 2 मधुमेह होता है।
3. बेंजोइक एसिड (Benzoic Acid)
मैदे में खतरनाक रसायन जैसे बेंजोइक एसिड और सोडियम मेटा बाय-सल्फेट होते हैं, जो विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए गहन जोखिम कारक हो सकता है।
अगर आप भी हर रोज मैदा से बने आहार ले रहीं हैं, तो आपको उठाने पड़ सकते हैं ये स्वास्थ्य जोखिम
1. मोटापे का खतरा
मैदे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत अधिक है, लगभग 71। यानी इसमें अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में कैलोरी की मात्रा दोगुनी होती है। इसलिए, इसे खाने से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है। ज्यादा कैलोरी खाने से शरीर की कोशिकाओं को आवश्यकता से अधिक ग्लूकोज प्राप्त हो सकता है, जो वसा के रूप में जमा हो जाता है, जिससे तेजी से वजन बढ़ता है।
![maida causes weight gain maida causes weight gain](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2021/02/23/16_9/16_9_1/maida_causes_weight_gain_1614091798.jpg)
2. पाचन संबंधी समस्याएं
मैदे का सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह है कि यह पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा कर सकता है। मैदा में बहुत कम पोषण मूल्य और शून्य फाइबर होता है। फाइबर की कमी से इसे पचाना मुश्किल हो जाता है। यह चयापचय की दर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और नियमित रूप से मल त्याग में बाधा उत्पन्न करता है जिससे कब्ज और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
3. अन्य घातक बीमारियों को बुलावा देता है
ज्यादा मैदा खाने से रक्तचाप में गड़बड़ी हो सकती है जिसकी वजह से ह्रदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। मैदे में कोलेस्ट्रोल होता है जो आर्ट्रीज़ ब्लाक कर सकता है और तनाव को भी बढ़ा सकता है। इस सब का इम्युनिटी पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा मैदा एसिडिक होता है जो इन्फ्लामेंशन को बढ़ाता है।