भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा। यह पहला मौका जब भारत और इंग्लैंड की टीमें एक दूसरे के खिलाफ पिंक बॉल से डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने उतरेंगी। सीरीज के नतीजे के लिहाज से यह टेस्ट मैच काफी अहम माना जा रहा है। वहीं, इस मुकाबले में दर्शकों को टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से भी एक दमदार पारी की उम्मीद होगी। कोहली ने चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में 62 रनों की इनिंग जरूर खेली थी, लेकिन वह अपने शतक के सूखे को खत्म नहीं कर सके थे। विराट के बल्ले से सेंचुरी निकले लगभग एक साल से ऊपर हो चुका है, ऐसे में हर किसी के जहन में बस यही सवाल उठ रहा है कि क्या भारतीय कप्तान विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में शतक ठोककर इस सूखे को खत्म कर पाएंगे।
विराट को उनके करियर के शुरुआती दिनों में सफेंद गेंद की क्रिकेट का बढ़िया बल्लेबाज माना जाता था, लेकिन टेस्ट में कोहली अपनी छाप नहीं छोड़ सके थे। 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में कोहली के फ्लॉप शॉ के बाद उनकी कोफी आलोचना भी हुई थी। हालांकि, क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट की कप्तानी मिलने के बाद विराट का बल्ला टेस्ट क्रिकेट में भी जमकर बोला और उन्होंने घरेलू और विदेशी सीरीज दोनों में रनों का अंबार लगाया। साल 2016 और 2017 में दाएं हाथ के बल्लेबाज ने घरेलू टेस्ट मैचों में जमकर रन बनाए। इसके बाद, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड जैसे मुश्किल दौरों पर भी विराट के बल्ले से खुद रन निकले। साल 2019 के आखिरी में साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोहली ने 254 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि पिंक बॉल टेस्ट में बांगलादेश के खिलाफ 136 रन बनाए।
साल 2019 की फॉर्म को देखते हुए यह माना जा रहा था कि न्यूजीलैंड दौरे पर भी कोहली के बल्ले से जमकर रन निकलेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विराट 2020 की पहली टेस्ट सीरीज की चार पारियों में महज 38 रन ही बना सके और टीम इंडिया को इस सीरीज में 2-0 से करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कोविड-19 के चलते क्रिकेट पर कई महीनों तक लगभग पूरी तरह से ब्रेक लग गया और भारतीय टीम ने साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली। कोहली पैटरनिटी लीव के चलते उस सीरीज का पहला टेस्ट ही खेल सके। विराट पिंक बॉल से खेले गए उस मैच की पहली पारी में अपने शतक की तरफ बढ़ ही रहे थे कि अजिंक्य रहाणे के साथ हुई तालमेल में गड़बड़ के चलते कोहली को 75 रनों के स्कोर पर रनआउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा और साल 2020 को कोहली ने बिना कोई शतक लगाए ही अलविदा कहा।
इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में भी टीम इंडिया के कप्तान दो अर्धशतक जड़ चुके हैं, लेकिन वह अपने शतक के सूखे को खत्म नहीं कर पा रहे हैं। इससे पहले, अपने करियर की शुरुआत में कोहली ने लगातार 13 पारियां खेलने के बावजूद शतक नहीं जड़ा था, जबकि इस बार विराट 10 इनिंग्स खेल चुके हैं। साल 2019 के बाद खेली 21 पारियों में से कोहली सात दफा ढाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके हैं। वहीं, अपने पूरे टेस्ट करियर में 11 बार शून्य पर आउट होने वाले विराट 2019 के बाद से तीन बार जीरो पर आउट हो चुके हैं।