पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी छात्र इकाई कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापा मारा। पहले से गिरफ्तार दोनों संगठनों के पदाधिकारियों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर तलाशी के उद्देश्य से यह कार्रवाई की गई। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि मथुरा जिले के मांट थाने में दर्ज मुकदमे (मुकदमा अपराध संख्या 199/2020) की विवेचना एसटीएफ कर रही है। विवेचना के दौरान कस्टडी रिमांड पर लिए गए अभियुक्तों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त करके दिल्ली स्थित पीएफआई और सीएफआई के ठिकानों पर नियमानुसार तलाशी एवं जब्ती की कार्रवाई की गई है।
पिछले वर्ष पांच अक्तूबर को मथुरा जिले के मांट थाने की पुलिस ने पीएफआई और सीएफआई से जुड़े चार लोगों को उस समय गिरफ्तार कर लिया था, जब वे हाथरस जा रहे थे। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों सिद्दीक कप्पन, अतीकुर्रहमान, मसूद अहमद व मोहम्मद आलम के कब्जे से मोबाइल फोन, लैपटॉप व भड़काऊ साहित्य बरामद करते हुए यह दावा किया था कि वे हाथरस कांड के बहाने जातीय संघर्ष भड़काने की साजिश में शामिल थे।
शासन के आदेश पर मुकदमे की विवेचना अपने हाथ में लेने के बाद एसटीएफ ने कथित तौर पर हाथरस दंगों की साजिश में शामिल रहे रउफ शरीफ को केरल से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ की नोएडा यूनिट शरीफ को मथुरा लेकर आई थी। शरीफ सीएफआई का नेशनल जनरल सेक्रेटरी है। इससे पहले शरीफ को 12 दिसंबर 2020 को उस वक़्त गिरफ्तार किया गया था जब वह देश छोड़कर दुबई जाने की फिराक में था। उसे केरल में एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार किया गया था। जेल से जमानत पर रिहा होते ही एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।