उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में बीते साल हुई हिंसा मामले की जांच में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की स्पेशल इनवेस्टिगेटिव टीम(एसआईटी) को जांच सौंपी गई थी। इस टीम ने पिछले साल से चल रही जांच के दौरान दर्ज हुई 755 एफआईआर में अबतक 1818 लोगों को गिरफ्तार किया। जबकि अबतक 400 से ज्यादा मामलों को एसआईटी सुलझा भी चुकी है। वहीं अन्य मामलों की अब भी जांच जारी है।
पुलिस की किस यूनिट ने क्या की जांच
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली दंगे की जांच में दिल्ली पुलिस की तीन टीमों को लगाया गया। इसमें से क्राइम ब्रांच की तीन एसआईटी बनाई गई थी, जिसके पास सभी महत्वपूर्ण मामले (करीब 60) दिए गए थे। वहीं एक मामला जिसमें दंगों के पीछे की साजिश को उजागर करने के लिए दर्ज किया गया, उसकी जांच दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर सेल-स्पेशल सेल को सौंपी गई थी। जबकि जबकि बाकी मामलों की जांच उत्तर-पूर्वी जिले की स्थानीय पुलिस की टीमों ने की।
क्या कहना है दिल्ली पुलिस कमिश्नर का
दिल्ली पुलिस कमिश्नपर एस.एन.श्रीवास्तव ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए हमने डिजिटल साक्ष्य जुटाने पर ज्यादा जोर दिया। इसके लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया गया और विज्ञान और तकनीक पर आधारित सबूतों को एकत्र किया गया।
क्या तकनीक के इ्रस्तेमाल के आंकड़े
तकनीक के इस्तेमाल का ब्योरा देते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जांच टीम ने आरोपियों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज और फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) का इस्तेमाल कर सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डेटा व लोकेशन का प्रयोग किया गया।
एक साल में यह हुई कार्रवाई
- दंगा मामले में पुलिस ने की कुल गिरफ्तारी– 1818
- सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तारी–231
- इसमें से एफआरएस (चेहरा पहचान तकनीक) के जरिए– 137
- ड्राइविंग लाइसेंस की तस्वीरों के इस्तेमाल के जरिये–94
- दंगा मामले को लेकर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर-755
- उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा में मारे गए लोगों की संख्या–53
- उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा में घायल हुए लोगों की संख्या–581