पैरों की तरह हमारी पीठ भी पूरे शरीर को नियंत्रित करती है। यही कारण है कि इसमें कभी-कभी तेज दर्द होने लगता है। बाम, सेंक या किसी से मसाज कराने पर इस दर्द से कुछ राहत मिल जाती है लेकिन अगर अक्सर आपकी पीठ में दर्द रहता है, तो आपको सायटिका की परेशानी भी हो सकती है। आइए, जानते हैं क्या है सायटिका-
क्या है पैर और पीठ दर्द में कनेक्शन
सायटिका पीठ में दर्द की एक ऐसी स्थिति को कहते हैं, जो सियाटिक नर्व के दब जाने से पैदा होती है। यह नर्व पीठ के निचले हिस्से से शुरू हो कर पैरों के अंगूठे तक पहुंचती है। यह नस हमारी मांसपेशियों को ताकत देने का काम करती है। अगर किसी वजह से यह नर्व दब जाती है तो यह आसपास की दूसरी नसों को भी दबाने लगती है। इसी वजह से व्यक्ति को कमर, पीठ, हिप्स और पैरों में लगातार दर्द की समस्या होती है, जिसे सायटिका कहा जाता है। इसके अलावा अगर स्पाइनल कॉर्ड का निचला हिस्सा संकरा हो, तो भी ऐसी समस्या हो सकती है। रीढ़ की हड्डियों के जोड़ों के बीच मौजूद कुशन का जेलनुमा पदार्थ सूखने लगे, तो हड्डियां एक-दूसरे पर ज्यादा दबाव डालने लगती हैं। इस वजह से भी ऐसी समस्या हो सकती है।
एक्यूप्रेशर से होगा इलाज
ऐसी स्थिति में हम अपने पैरों की अच्छी तरह से देखभाल करके पीठ, कूल्हे और घुटने के दर्द से बच सकते हैं। एक्यूप्रेशर 5,000 से ज्यादा वर्षों तक प्राचीन चीनी चिकित्सा का एक हिस्सा रहा है। इसमें शरीर पर कुछ बिंदुओं पर दबाव डालकर आप तनाव को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ व्यायाम भी दर्द से निजात दिलान में आपकी मदद कर सकते हैं। दर्द से छुटकारे के लिए पैरों का व्यायाम करने के साथ ही पैरों की उंगलियों को भी फर्श पर दबाकर या उंगलियों पर चलने का प्रयास कर सकते हैं। अगर एक्यूप्रेशर की जानकारी रखते हैं, तो यह और भी अच्छी बात है। इससे भी भी दर्द में काफी राहत मिल सकती है।