राजधानी दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 12वें दिन इजाफा हुआ। शनिवार को पेट्रोल 39 पैसे और डीजल 37 पैसे प्रति लीटर मंहगा हुआ। इसके साथ ही दिल्ली में पेट्रोल 90.58 रुपए प्रति लीटर हो गया। वहीं, डीजल 80.97 रुपए प्रति लीटर हो गया।
इसे पहले, दिल्ली में शुक्रवार को पेट्रोल के दाम पहली बार 90 रुपए प्रति लीटर को पार कर गया था, जबकि डीजल का रेट बढ़कर 80.60 रुपए प्रति लीटर हो गया था। शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में क्रमाश: 31 और 33 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई थी।
पेट्रोल पदार्थों के दाम में बढ़ोतरी से कारोबारी चिंतित
पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ रसोई गैस के दामों में भी बढ़ोतरी जारी है। पेट्रो पदार्थों के दामों में लगातार हो रही इस बढ़ोतरी से एक तरफ आम आदमी का बजट गड़बड़ाया है। वहीं, औद्यौगिक इकाइयां और बाजार पर भी इसका असर पड़ा है। लॉकडाउन के बाद खुले बाजारों का कारोबार ठीक से पटरी पर लौटा भी नहीं है। ऐसे में पेट्रो पदार्थों के बढ़े दामों को व्यापारियों कारोबार पर संकट मान रहे हैं। व्यापारियों को माल मंगाना व महंगा होने के चिंता सताने लगी है।
15% तक महंगे हो सकते हैं ऑटो पार्ट्स
एशिया में ऑटो पार्ट्स के प्रमुख थोक बाजारों में शुमार कश्मीरी गेट में रोजाना की तरह भीड़ नजर आ रही है। कुछ दुकानों में ग्राहकों की संख्या अधिक है, तो कुछ में इक्का-दुक्का ग्राहक ही दिख रहे हैं। बाजार में पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों का सीधा असर तो फिलहाल कुछ नजर नहीं आ रहा है, लेकिन इन बढ़े हुए दामों को लेकर व्यापारियों के मन में चिंता के साथ ही गुस्सा है। कश्मीरी गेट ऑटो पार्ट्स ट्रेडर्स एसोसिएशन अपमा के अध्यक्ष विनय नारंग कहते हैं कि एक तरफ बंदी के बाद खुले बाजारों में कारोबार वापस पटरी पर नहीं लौटा हैं। इससे पहले ही पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों ने चिंता बढ़ा दी है। एक तरफ तो अपने वाहन से आने में व्यापारियों व ग्राहकों के लिए बाजार पहुंचना महंगा हो गया है। दूसरी तरफ इस कारोबार में प्लास्टिक और रबर के उत्पाद की अधिकता है, जो पेट्रोल से ही तैयार होते हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का असर सीधे इन पर पड़ने जा रहा है। हमें जो संकेत मिल रहे हैं, उसके मुताबिक पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों के कारण जल्द ही ऑटो पार्ट्स के दामों में 10 से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने जा रही है।
बेटपरी कारोबार पर पड़ा अतिरिक्त भार
सदर बाजार में सामान्य दिनों की तरह भीड़ नजर आ रही है। सदर बाजार के तेलीवाड़ा में व्यापारी रोज की तरह कारोबार में व्यस्त हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े हुए दामों का बाजार में कोई सीधा असर नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों को लेकर व्यापारी चिंतित हैं। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसएिशन के महासचिव राजेद्र शर्मा के मुताबिक कोरोना से बचाव के तहत घोषित बंदी के बाद बाजार तो खुल गए हैं, लेकिन अभी कारोबार ठीक से पटरी पर नहीं लौटा हैं। ऐसे में पेट्रो पदार्थों में बढ़ोतरी व्यापारियों के लिए अतिरिक्त भार की तरह है। पेट्रो पदार्थों के बढ़े हुए दामों की वजह से माल मंगाना महंगा होगा। इस वजह से व्यापारियों को करीब पांच से दस फीसदी तक अतिरिक्त माल भाड़ा चुकाना पड़ सकता है। कई उत्पादों में तो व्यापारी ग्राहकों से इस बढ़ोतरी के अनुरूप दाम वसूल सकते हैं, लेकिन कई उत्पाद में दाम बढ़ाना संभव नहीं है, जिसका भार व्यापारियों पर ही पड़ेगा।
बाहर से माल मंगाना महंगा होगा
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से चांदनी चौक बाजार के व्यापारी भी चिंतित हैं। चांदनी चौक व्यापार परिषद के अध्यक्ष सुरेश बिंदल के अनुसार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से माल मंगाना महंगा हो जाएगा। पेट्रोल तथा डीजल महंगा होने से निसंदेह महंगाई बढ़ेगी और बाजार में आने वाले ट्रक तथा अन्य सामान जो दूसरे राज्यों से आते हैं उनके दामों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह बढ़ोतरी अभी नहीं हुई है, लेकिन जब भी यह लागू होगी इसका सीधा असर व्यापारियों के साथ ही आम लोगों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस बाजार में कपड़े की खरीदारी करने के लिए लोग देशभर से आते हैं, ऐसे में बढ़े हुए भाव देशभर के लोगों को प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों में नियंत्रण करने के लिए उत्पाद शुल्क कम होना चाहिए। वहीं पेट्रो पदार्थों को जीएसटी के अंतर्गत लाना चाहिए। पेट्रोल तथा डीजल में गन्ना मिलों के उत्पादन एरोसॉल को 20 प्रतिशत मिलाने का प्रयोग करना चाहिए। अभी भी पांच प्रतिशत एरोसॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे आमजन के साथ ही व्यापारियों को पेट्रोल के बढ़े हुए भावों से राहत मिलेगी।