बहुजन समाजपार्टी के सदस्यों ने मायावती को गुरुवार को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा से बागवत करने वाले निलंबित चल रहे सदस्य गुरुवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने से ठीक आधे घंटे पहले विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित से मिले और उऩसे सदन में अगल दल के रूप में मान्यता मांगते हुए अलग बैठने के लिए जगह देने को कहा। विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे कहा कि वे जहां पूर्व से बैठते रहे हैं, वहीं बैठें। इसके बाद बागी विधायक बसपा खेमे में जाकर बैठे।
बसपा सुप्रीमों ने बगावत करने वाले सातों विधायकों असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), चौधरी असलम अली (धौलाना-हापुड़), मो. मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-प्रयागराज), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज), डा. हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर जौनपुर) और वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निलबिंत कर दिया है। इनको बुधवार को बसपा विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया था। इसीलिए इन सातों विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सदन में अलग से बैठने की मांग की।
विधायक हाकिम लाल बिंद के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष ने मुलाकात में कहा कि पूर्व में जहां बैठते थे, वहीं जाकर बैठें। विधायक असलम राइनी ने कहा कि कहा कि हमारी संख्या अब पार्टी के विधायकों से अधिक है। इसलिए उनके लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बहुत जल्द नई राजनीतिक पारी की शुरुआत नई ऊर्जा के साथ करेंगे। बसपा के दो विधायक अनिल सिंह (पुरवा उन्नाव) व रामवीर उपाध्याय (सादाबाद हाथरस) भी बसपा से निलंबित हैं और वह भाजपा के खेमे में बैठते हैं।
बसपा के 18 विधायकों में नौ बचे
बसपा के पास विधायकों की संख्या कुल 18 है। इनमें से नौ निलंबित किया जा चुके हैं। अगर देखा जाए तो बसपा के पास अपने विधायकों की संख्या नौ ही बची है।
अक्तूबर में की थी बसपा विधायकों ने बगावत
राज्यसभा चुनाव के समय अक्तूबर 2020 में बसपा के सात विधायकों ने बागवत कर दिया था। इनमें से पांच विधायकों ने बसपा के राज्यसभा उम्मीदवार रामजी गौतम के प्रस्तावक से अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद इन पांच विधायकों समाजवादी पार्टी कार्यालय में देखे गए थे। उनकी बंद कमरे में अखिलेश से मुलाकात की भी खूब चर्चाएं हुई थीं। इसमें सुषमा पटेल, चौधरी असलम अली, असलम राइनी, मुजतबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद व एक और विधायक थे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसके बाद दागी सात विधायकों को निलंबित कर दिया।