बदायूं गैंगरेप की शिकार महिला की हत्या व दुष्कर्म को महंत सत्यनारायण ने अंजाम दिया था। उसके चेले वेदराम व गांव के ही बोलेरो चालक जसपाल ने मिलकर इस घटना को दबाया था। पुलिस के पास इन तथ्यों के सारे साक्ष्य मौजूद हैं। इन्हीं के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में 44 दिन में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
देश में सियासी घमासान मचाने वाली ये वारदात तीन जनवरी की रात हुयी थी। जब एक आंगनबाड़ी सहायिका मायके में मंदिर में पूजा को गई थी। वहां महिला की कुआं में गिरने से मौत हो गयी। थानास्तर पर 18 घंटे तक सुनवाई नहीं हो सकी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट में इंजरी मिली तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में इंस्पेक्टर उघैती रहे राघवेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया। देखते ही देखते इसको लेकर राजनीति भी गर्मा गई। वेदराम और जसपाल को तो पुलिस ने पकड़ लिया लेकिन मुख्य आरोपी सत्यनारायण की गिरफ्तारी दो दिन बाद हो सकी।
घटना की जांच फोरेंसिक टीम ने की और डेमो के बाद कई अन्य तथ्यों पर अध्ययन किया। इधर, पुलिस ने भी तफ्तीश शुरू कर दी। जांच रिपोर्ट और तफ्तीश के आधार पर तथ्य सामने आया कि महिला से दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना को महंत ने अंजाम दिया था। बाकी के दोनों आरोपियों ने घटनाक्रम को छिपाया था। इसी आधार पर चार्जशीट दाखिल कर की गयी है।
बदायूं एसएसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि उघैती कांड में तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है। मुख्य आरोपी महंत पर दुष्कर्म और हत्या जबकि महंत के चेला व गाड़ी चालक के खिलाफ जानकारी को छिपाये रखने का तथ्य सामने आया। इसी आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई करते हुये चार्जशीट दाखिल की गयी है।