सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक और सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग वाली याचिका को उच्च न्यायालय ने सोमवार को खारिज कर दिया। याचिका में अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चलाने की मांग की गई थी। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा अस्थाना के खिलाफ की गई शिकायतों में से अधिकांश पहले ही जांच एजेंसी ने बंद कर दिया है। इसके साथ ही, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। इससे पहले शुक्रवार को जस्टिस योगेश खन्ना ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था।
अस्थाना के खिलाफ चंडीगढ़ के डेंटिस्ट डॉ. मोहित धवन ने याचिका दाखिल कर मुकदमा चलाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में शिकायत केंद्रीय सर्तकता आयुक्त और सीबीआई के पास काफी लंबे समय से लंबित है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। धवन ने याचिका में सीबीआई में विशेष निदेशक रहते हुए अस्थाना ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी न्यायिक प्रणाली को अपने और अपने नजदीकी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए हाइजेक कर लिया। साथ ही याचिका में अस्थाना पर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर याचिकाकर्ता को झूठे मामले में फंसाने की धमकी और पैसे मांगने का आरोप लगाया गया था। याचिका में कहा गया कि उसने इसकी शिकायत केंद्रीय सर्तकता आयुक्त और सीबीआई से सितंबर, 2019, जुलाई 2020 और अगस्त 2020 में की, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।