कासगंज में शराब माफिया को पकड़ने गई पुलिस पर हमला कर सिपाही की मौत का आरोपी मोती सिंह पिछले आठ साल से अपराध कर ग्रामीणों में अपना खौफ कायम किए हुए है। सबसे पहले उसने एक गांव की लड़की से छेड़छाड़ की। जिस पर पीड़ित परिवार ने फौरन इस पर केस दर्ज कराया था। वर्ष 2013 में मोती पर थाना सिढ़पुरा में यह सबसे पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।
सिढ़पुरा क्षेत्र में अपराध करने वाले 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी मोती सिंह का पुलिस ने आपराधिक रिकार्ड खंगाला तो कई केस सामने आए हैं। पुलिस रिकार्ड पर गौर करें तो मोती छेड़खानी के मामले तक ही सीमित नहीं रहा। उसकी गतिविधि बढ़ते देख पुलिस ने इस पर यूपी गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की। उस समय जेल से लौटने के बाद उसने वर्ष 2014 में भी क्षेत्र के एक गांव की लड़की को अगवा करने की वारदात को अंजाम दिया था। जिस पर पीड़ित परिवार ने इसका डट कर सामना किया और आगे बढ़कर इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। 2015 में फिर पुलिस ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई की। इसके बाद मोती ने शराब बनाने के काम में हाथ डाला और कटरी में अपना ठिकाना बनाकर सक्रिय हुआ। जिस पर पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत इसे घेरना शुरू कर दिया। इस पर शराब बनाने व बेचने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। मोती पर चोरी की एक घटना का भी मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद वर्ष 2019 पर दो बार इसके ठिकाने पर छापेमारी कर शराब बनाने पर कार्रवाई करते हुए दो अलग अलग मुकदमे आबकारी अधिनियम में दर्ज किए गए। वर्ष 2020 में भी इस पर पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज किए।
एलकार इससे भी पहले करने लगा था अपराध
पुलिस रिकार्ड पर गौर करें तो पुलिस की मुठभेड़ में मारा गया एलकार सिंह मोती से पहले ही अपराध करने लगा था। उस पर भी पांच मुकदमे दर्ज चले आ रहे थे। अब सिढ़पुरा की काली नदी की कटरी में सिपाही हत्या व दरोगा को गंभीर घायल करने की सनसनीखेज वारदात में भी मोती के साथ एलकार शामिल रहा था मनोज कुमार सोनकर, एसपी का कहना है कि अपराधी मोती सिढ़पुरा थाने का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। उस पर पहले से 11 मुकदमे दर्ज हैं। आबकारी अधिनियम के अलावा अन्य अपराध के भी केस दज हैं।