ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने के आरोपी एक लाख के इनामी दीप सिद्धू की गिरफ्तारी में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की 10 टीम के 50 पुलिसकर्मी जुटे थे। जबकि वीडियेा फुटेज व डंप डाटा के आधार पर तैयार करीब संदिग्ध मोबाइल नंबर की कॉल डिेटेल रिकॉर्ड(सीडीआर) और सोशल मीडिया अकाउंट की भी पिछले 13 दिनों से लगातार तकनीकी जांच चल रही थी, इसके बाद दीप का सुराग हाथ लगा और पुलिस ने उसे आखिरकार सोमवार देर रात करनाल से धर दबोचा।
हिंसा मामले की जांच को लेकर पुलिस ने दीप सिद्धू समेत कई लोगों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने, लोगों को उकसाने और तोड़फोड़ के आरोप में केस दर्ज कर जांच आरंभ की थी। इतना ही नहीं पुलिस ने करीब 44 एफआईआर दर्ज कर सिद्धू समेत 65 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस की कई टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी थीं। इस बीच सिद्धू ने पुलिस से बचने के लिए मोबाइल तो बंद कर दिया था, लेकिन उसके फेसबुक पर वीडियो अपलोड हो रहे थे। वह भी किसी और के जरिये। इस यही छोटी सी चूक ने दीप सिद्धू को आखिरकार 13 दिन बाद ही सही सलाखों के पीछे पहुंचा ही दिया।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी दीप सिद्धू
दरअसल उसके फेसबुक अकांउट की जांच में यह खुलासा हुआ कि यह कैलिफोर्निया से अपडेट हो रहा है तो पुलिस की तकनीकी टीम पूरी तरह से अलर्ट हो गई। जांच आगे बढ़ी तो यह भी पता चला कि फेसबुक को उसके मोबाइल से लुधियाना के आसपास ही लॉगआउट किया गया था। इसके बाद से ही उसका फोन भी बंद है। तकनीकी जांच के आधार पर उसके मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन लुधियाना आई। दीप सिद्धु ने अपने फोन से अपना फेसबुक अकाउंट वहीं लॉग आउट कर दिया था। तभी से दिल्ली पुलिस की टीम ने उसके फेसबुक अकाउंट पर नजर बनाई हुई थी, क्योंकि उसका फेसबुक लगातार अपडेट हो रहा था और उसपर वीडियो भी अपलोड हो रहे थे। तब पुलिस ने कैलिफ़ोर्निया की लोकेशन वाले मोबइल फोन के संपर्क में रहने वाले लोगों का पता लगाया।
फेसबुक अकाउंट व सीडीआर से मिला सुराग
उनकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड(सीडीआर) निकाली तो दीप सिद्धू के कुछ करीबी लोगों के मोबाइल नंबर मिले, जिसकी तकनीकी जांच शुरू हुई और यह पता चला कि इस वक्त सिद्धू इनमें कुछ नंबरों के जरिये अपनी पत्नी व महिला मित्र के संपर्क में रहता है। उसकी महिला मित्र के तो कैलिफोर्निया में होने का पता चल ही चुका था तो पुलिस ने उसकी पत्नी के लोकेशन की जानकारी जुटाई। इसके बाद पुलिस टीम ने पत्नी के पूर्णिया के ठिकाने और वहां आने वाले फोन व मैसेज वाले नंबर पर अपनी जांच टिका दी। इस दौरान पुलिस को यह पता चला कि दीप इस वक्त करनाल में है, वह पूर्णिया जाने की फिराक में है। इसके बाद पुलिस ने उसे करनाल से धर दबोचा।
दीप सिद्धू से क्या पूछताछ कर रही है पुलिस?
दिल्ली पुलिस को पूरी आपराधिक साजिश का पर्दाफाश करना है। इसलिए दीप सिद्धू से पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि वह 26 जनवरी के बाद से फरार होने के बाद कहां-कहां छिपकर रहा? उसके कौन-कौन सहयोगी थे, जिन्होंने उसे ठिकाना मुहैया कराने में मदद की? इसके अलावा उसके वीडियो कौन कैलिफार्निया भेजता था? उसके पूरे नेटवर्क में कौन-कौन से लोग शामिल हैं? उसके बाकी साथी कहां-कहां है? इन सब सवालों के जवाब अलावा उसके ठिकानों, फोन, पकड़े और जो सामान उसने जहां भी रखें हैं, उसकी बरामदगी के लिए पूछताछ कर रही है।
अभी और किन लोगों की है तलाश
लालकिला पर हुए उपद्रव के दौरान की वीडियो में मुख्य रूप से दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना की फुटेज दिखाई दे रही है, लिहाजा इन दोनों को ही भीड़ को उकसाने का मुख्य सूत्रधार भी माना जा रहा है। सुखदेव सिंह को तो दो दिन पहले ही पुलिस ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार भी किया था। लेकिन पंजाब और हरियाणा में दिल्ली पुलिस की कई टीमें अभी मौजूद हैं। जुगराज और लक्खा की तलाश जोर-शोर से की जा रही है। पुलिस नेू सिद्धू के अलावा जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह और गुरजंत सिंह के बारे में सूचना देने वालों को एक लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी। वहीं जजबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और इकबाल सिंह के बारे में सूचना देने वालों के लिए 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। सुखदेव को पकड़ा जा चुका है, जबकि बाकियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
लक्खा सिधाना व जुगराज की तलाश तेज
इस बीच लाल किले पर हुई हिंसा भड़काने के दूसरे मुख्यारोपी लक्खा सिधाना की तलाश भी तेज हो गई है। लक्खा लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। वहीं लाल किले पर झंडा फहराने के आरोपी जुगराज की लोकेशन भी कुंडली के पास होने के संकेत मिले रहे हैं। 5 दिन पहले उसके पंजाब में छिपे होने के सुराग मिले थे, अब सिंघु बॉर्डर के पास की आखिरी लोकेशन मिली है। वहीं आरोपी लक्खा सिधाना ने फेसबुक पर जो आखिरी लाइव किया था, उसकी लोकेशन भी सिंघु बॉर्डर के आसपास की ही मिली है। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की कई टीम टेक्निकल सर्विलॉन्स की मदद ले रही है, ताकि लक्खा को पकड़ा जा सके।