नए कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में स्वयंसेवक के तौर पर काम कर रहे हरियाणा के रोहतक जिले के 28 वर्षीय किसान की ट्रैक्टर-ट्रॉली से गिरने के कारण सिर में लगी गहरी चोट से मौत हो गई।
पुलिस ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि झज्जर जिले के असोदा थाने के एसएचओ कुलदीप सिंह ने फोन पर बताया कि दीपक को पीजीआईएमएस रोहतक में भर्ती कराया गया था, सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि दीपक के साथ यह दुर्घटना पांच फरवरी को बहादुरगढ़ बाईपास के पास हुई थी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दीपक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बैठा आंदोलनकारी किसानों को राशन बांट रहा था। इसी दौरान वह नीचे गिर गया और उसके सिर में गहरी चोट आई। पीजीआईएमएस रोहतक में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 76वें दिन भी जारी है।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।