बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि लिस्ट जिस दिन आएगा, उसी दिन मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। राजधानी पटना के पीएमसीएच में देश के सबसे बड़े अस्पताल भवन का शिलान्यास करने के बाद मीडिया के साथ संक्षिप्त बातचीत में सीएम नीतीश ने ये बातें कहीं।
कुछ दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा था कि बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकता है। उनके इस बयान के बाद अब कयास लगाये जा रहे हैं कि बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार का काउंटडाउन शुरू हो गया। दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद पटना आए उपमुख्यमंत्री के इस बयान के बाद भाजपा के संभावित मंत्रियों के नाम भी हवा में तैरने लगे। सभी जाति व वर्ग से विधायकों के नाम संभावित मंत्रियों के तौर पर सामने आने लगे। प्रदेश भाजपा कार्यालय में विधायकों के समर्थक अपने-अपने नेताजी को मंत्री बनाते दिखे।
दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बिहार भाजपा के नेताओं की मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि राज्य इकाई ने अपनी ओर से संभावित मंत्रियों के नाम आलाकमान को दे दिए हैं। कभी भी पार्टी आलाकमान संभावित मंत्रियों के नाम तय कर लेगा।
बिहार में 16 नवंबर 2020 को नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ। उस दिन सीएम नीतीश के अलावा बीजेपी कोटे से 7, जेडीयू कोटे से 5 व हम और वीआईपी कोटे से एक-एक सदस्य मंत्री बने। हालांकि बाद में जेडीयू कोटे के एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। शपथ ग्रहण के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कह कर सबको चौंका दिया था कि बीजेपी की तरफ से लिस्ट नहीं मिली है, इस वजह से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा।
आठ जनवरी को कहा था नहीं हुई है कोई बात
आठ जनवरी को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सात जनवरी को भाजपा नेता मिलने आये थे, पर मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई बात नहीं हुई है। मुख्य सचिवालय परिसर में उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में उनके कार्यकाल में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है कि मंत्रिमंडल विस्तार में इतनी देर हुई हो। नीतीश ने कहा था कि जबतक भाजपा की राय नहीं आ जाएगी, तबतक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा। इससे पहले 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट परिसर में कहा था कि भाजपा की ओर से मंत्रिमंडल विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। भाजपा की ओर से प्रस्ताव आने पर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।