कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से किसानों का प्रदर्शन जारी है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के बाद अब किसान आंदोलन को और धार देने के लिए संगठनों ने आज देशव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है। किसानों के इस चक्का जाम को कांग्रेस समेत कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, चक्का जाम का असर राजधानी दिल्ली में नहीं होगा। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में आज यानी शनिवार को चक्का जाम नहीं होगा। किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि ‘चक्का जाम’ के दौरान एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी आवश्यक सेवाओं को नहीं रोका जाएगा। ‘चक्का जाम’ शनिवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक किये जाने का प्रस्ताव है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि शनिवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन इन दोनों राज्यों के किसानों को किसी भी समय दिल्ली बुलाया जा सकता है।
दरअसल, गणतंत्र दिवस को किए गए ट्रैक्टर मार्च के बाद यह किसानों की ओर से किया जाने वाला पहला बड़ा इवेंट है। हालांकि, दिल्ली में हुए ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस के साथ किसानों की झड़प देखने को भी मिली थी, लेकिन किसान संगठनों ने वादा किया है कि शनिवार को होने वाला चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा। इसके मद्देनजर दिल्ली और उसके आसपास दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इतना ही नहीं, दिल्ली की सीमाओं से लगे राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों ने भी सुरक्षा बढ़ा दी है।
ये है ‘चक्का जाम’ का पूरा शेड्यूल
-यह चक्काजाम 12 बजे दोपहर से 3 बजे तक चलेगा।
-इस दौरान राष्ट्रीय और राज्य के हाइवे को जाम किया जाएगा, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह चक्का जाम को देशव्यापी होगा। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार यह चक्का जाम दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में नहीं किया जाएगा।
-इस दौरान आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को कहीं भी नहीं रोका जाएगा।
-अगर आप 12 और 3 बजे के बीच शनिवार को किसी हाइवे पर यात्रा करते हैं, तो आप इस चक्का जाम में फंस सकते हैं।
-किसानों का कहना है कि वे चक्का जाम में फंसे लोगों को भोजन और पानी मुहैया कराएंगे।
-गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हुआ उसके बाद दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को भी इस विरोध से छूट है, क्योंकि इन दोनों राज्यों के किसानों को दिल्ली के विरोध स्थलों की ओर कूच करना पड़ सकता है। दिल्ली की ओर जाने वाली सभी सड़कें खुली रहेंगी जहां विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।
-यह चक्का जाम कर किसान प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट निलंबन के खिलाफ अपना एक प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराना चाहते हैं।
दिल्ली में पहले से है चक्का जाम- टिकैत
दिल्ली के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि दिल्ली में तो पहले से चक्का जाम है, इसलिए दिल्ली को इस जाम में शामिल नहीं किया गया है। हिंसा के डर से इन जगहों पर चक्का जाम टालने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि हमारे कार्यक्रमों में कहीं हिंसा नहीं होती, कई जगहों पर हुई महापंचायतें इसका प्रमाण हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सरकार से बात करना चाहते हैं, सरकार कहां पर है, वो हमें नहीं मिल रही।
कहां हो रहा है प्रदर्शन
पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से के हजारों किसान दिल्ली की तीन सीमाओं- सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बार्डर पर 70 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली के सभी मार्ग खुले रहेंगे
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि दिल्ली के अंदर चक्का जाम नहीं होगा, क्योंकि प्रदर्शन के सभी स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं। दिल्ली में प्रवेश के सभी मार्ग खुले रहेंगे, केवल वही मार्ग बंद रहेंगे, जहां किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। गाज़ीपुर बार्डर प्रदर्शन स्थल पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसान छोटे समूहों में जिला मुख्यालयों में ज्ञापन सौंपेंगे।
सीमा पर सुरक्षा बेहद कड़ी
अधिकारियों ने बताया कि किसानों के प्रस्तावित ‘चक्का जाम’ से पहले प्रदर्शन स्थलों के पास दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा चाक चौबंद करने के क्रम में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है और बहुस्तरीय अवरोधक, कंटीले तार तथा सड़कों पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं। दिल्ली पुलिस के आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने भी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
सोशल मीडिया पर रखी जाएगी नजर
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं, ताकि शरारती तत्व राष्ट्रीय राजधानी में नहीं घुस पाएं। उन्होंने कहा, ‘हम सोशल मीडिया संबंधी सामग्री पर नजर रख रहे हैं जिससे कि पुलिस के खिलाफ अफवाह न फैलाई जा सके। हम अन्य राज्यों के पुलिस बलों के संपर्क में भी हैं।’
सुरक्षा चाक-चौबंद
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘चक्का जाम’ के दौरान कानून व्यवस्था में खलल डालने या जनजीवन को प्रभावित करने वाली किसी भी स्थिति को रोकने के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस के समूचे बाहरी-उत्तरी दिल्ली जिले में पर्याप्त बल तैनात किए जा रहे हैं। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने भी चक्का जाम की वजह से अतिरिक्त उपाय किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जिले को छह सेक्टरों में विभाजित किया गया है और मजिस्ट्रेट एवं उनके समकक्ष पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है, ताकि किसी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
कांग्रेस का भी मिला है समर्थन
कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की तरफ से घोषित चक्का जाम का समर्थन किया है। पार्टी का कहना है कि किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए गांधीवादी बंद में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना सहयोग देंगे। इसके साथ पार्टी ने कृषि मंत्री पर सदन को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस किसान संगठनों की तरफ से घोषित राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक के देशव्यापी अहिंसक शान्ति पूर्ण चक्काजाम का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि किसान संगठन पहले ही इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं को चक्का जाम से अलग करने का ऐलान कर चुके हैं।