बहुचर्चित रूपेश सिंह हत्याकांड में नहीं बल्कि पटना पुलिस ने आरोपी रितुराज को आर्म्स एक्ट में बुधवार को अपर न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया था। रामकृष्णा नगर थानेदार राम शंकर सिंह के स्वलिखत बयान के आधार पर रितुराज के खिलाफ आर्म्स एक्ट का एक मामला दर्ज किया है।
इसी मामले में रामकृष्णा नगर थाने की पुलिस ने रितुराज को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने रितुराज को न्यायिक हिरासत में लेते हुए फुलवारी जेल भेज दिया। पटना पुलिस ने 2 फरवरी को रितुराज के घर आर्दश नगर, खेमनीचक में छापेमारी की, तब रितुराज अपने घर से निकाल कर भागा। तभी पुलिस ने भागते हुए रितुराज को पकड़ लिया और उसका नाम व पता पूछा। इसके बाद पुलिस उसके घर के सामने ले गयी और वहीं करीब दस बजे रात में उसका बयान दर्ज किया।
पुलिस ने उसके पास से एक पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस बरामद किया था। रितुराज ने पुलिस के समक्ष दिए दोष स्वीकारोक्ति बयान में कई अहम खुलासे भी किए हैं। पुलिस के समक्ष उसने बयान दिया कि रूपेश सिह हत्याकांड में एनएमसीएच डोमटोली के पवन कुमार और नून का चौराहा का मो. बौआ और एक अन्य इस घटना में शामिल था।
रितुराज पांच माह जेल में था बंद
रितुराज ने पुलिस के समक्ष यह भी खुलासा किया कि वर्ष 2016 में वह रक्सौल में एक जमीन कब्जा करने गया था वहां पर स्थानीय लोगों ने उसकी स्कार्पियो गाड़ी जला दी थी। इसी घटना में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। पांच माह जेल में रहने के बाद वह छूटा है। इसके अलावा उसने कई नामों का खुलासा भी किया है। बहरहाल, पटना पुलिस ने रूपेश सिंह हत्याकांड में उसे पेश नहीं किया है।