नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के बीच किसान संगठनों द्वारा शनिवार 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम के आह्वान के बाद केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें तक अलर्ट हो गई हैं। इसी के मद्देजनर दिल्ली से लेकर हरियाणा तक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठकें चल रही हैं।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर किसानों के प्रस्तावित चक्का जाम पर शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। बैठक के दौरान चक्का के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी।
वहीं, हरियाणा के एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) ने भी कल किसानों के प्रस्तावित चक्का जाम के मद्देनजर सभी एसपी और कमिश्नरों को दिशानिर्देश जारी किए है। इसके तरह नॉन-ऑपरेशनल ड्यूटी से अधिकतम पुलिस बल को निकालने और खुफिया नेटवर्क तैयार करने के साथ ही आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर करीब दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डालकर बैठे किसानों ने 6 फरवरी को देशभर के राष्ट्रीय और राज्य मार्गों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में भी 3 घंटे का चक्का जाम करने का ऐलान किया है।
किसान नेताओं का कहा है कि छह फरवरी को देशभर में आंदोलन होगा। इसके साथ ही, दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक सड़कों को ब्लॉक भी करेंगे। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज यह साफ कर दिया कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपनी-अपनी जगहों पर कल शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम करेंगे।
72वें दिन भी किसान आंदोलन जारी
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के चलते राजधानी दिल्ली से लगी गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन आज 72वें दिन भी जारी है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या में पिछले दिनों कमी आई थी, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद एक बार फिर से आंदोलन को बड़ी संख्या में किसानों का समर्थन मिलने लगा।बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।