मध्य प्रदेश में बीते राष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए ‘पंख’ अभियान शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत, महिलाओं व बेटियों के साथ अपराध को अंजाम देने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ शासन द्वारा संपत्ति नष्ट किए जाना शुरू किया गया है। लेकिन असलियत यह है कि एमपी देश का चौथा ऐसा सबसे बड़ा राज्य है, जहां पर लड़कियों और महिलाओं को शादी के लिए सबसे ज्यादा मजबूर किया जाता है। इतना ही नहीं अपहरण और अन्य तरह से उन्हें ब्लैकमेल तक किया जाता है। अपराध की बात की जाए, तो देश में शीर्ष पांच राज्यों में मध्यप्रदेश पांचवें नंबर पर है।
नेशनल रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के साल 2019 के द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आया है। सूबे में 2019 में कुल 1626 प्रकरण दर्ज किए गए, इसमें महिलाओं और लड़कियों ने जबरन शादी करने के लिए अपहरण और ब्लैकमेल करने के मामले दर्ज कराए हैं। इसमें कुल 1635 महिलाएं पीड़ित रहीं। हालाँकि, प्रदेश से ज्यादा यूपी, बिहार और असम में इस तरह के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं। अगर कुल अपराधों की बात की जाए तो महिलाओं पर अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और असम के बाद पांचवें नंबर पर है। सूबे में महिलाओं पर अपराध की स्थिति की बात करें तो साल 2017 में कुल 29788 मामले सामने आए थे। इसके बाद साल 2018 में इन मामलों में थोड़ी कमी आई थी, जिसमें कि कुल 28942 केस संज्ञान में आये थे। हालांकि साल 2019 में वर्ष 2017 के मुकाबले अपराधों में कमी आई है। साल 2019 में 27560 मामले थे, इस हिसाब से अपराध के मामले अन्य सालों की अपेक्षा कम हुए थे। हालांकि अभी वर्ष 2020 के आंकड़े आना शेष है।