बृहन्मुंबई महानगरपालिका के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर रमेश पवार ने सिविक बॉडी के शिक्षा बजट को पेश करने के दौरान गलती से सैनिटाइजर पी लिया। प्यास लगने पर उन्होंने पास पड़े बोतल को उठाया और ढक्कन खोलकर पीना शुरू कर दिया, लेकिन यह पानी नहीं सैनिटाइजर था। हालांकि, इसे निगलने से पहले उन्हें गलती का अहसास हुआ और उन्होंने इसे उगल दिया।
तीन दिन पहले ही महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एक गांव में 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह सैनिटाइजर पिला देने का मामला सामने आया था। इसके बाद बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और पूरे मामले की जांच की जा रही है।
बुधवार को बीएमसी में ई-बजट पेश किए जाने को लेकर मीटिंग हॉल में बैठक चल रही थी। इस दौरान डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर रमेश पवार ने गलती से पानी की जगह सैनिटाइजर का बोतल उठा लिया। उन्होंने मुंह में एक घूंट भरा, लेकिन स्वाद से उन्हें गलती का अहसास हुआ। न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो में दिख रहा है कि आसपास मौजूद सभी लोग उन्हें रोकने को आगे बढ़ते हैं, लेकिन तब तक वह मुंह में सैनिटाइजर भर चुके थे।
रमेश पवार तुरंत हॉल से बाहर निकले और उन्होंने पानी से कुल्ला किया। कुछ मिनटों बाद ही वह हॉल में वापस आ गए। अधिकारियों ने बताया कि पवार से यह गलती इस वजह से हो गई क्योंकि पानी और सैनिटाइजर के बोतल का रंग और आकार एक सा था। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में सैनिटाइजर एक अहम हथियार है, लेकिन कई बार इससे जुड़े हादसे भी हुए हैं। अफवाहों के तहत कई जगह सैनिटाइजर पीने से मौत के मामले भी आए।