दिल्ली में प्रदूषण को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रोजेक्ट आईआईटी कानपुर ने तैयार किया है। दो साल की रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दिल्ली के प्रदूषण के कारण, मात्रा और उसके प्रभाव का अध्ययन किया है। इसी के आधार पर प्रदूषण कम करने के तरीके भी खोजे हैं। वैज्ञानिकों ने इसका प्रस्ताव दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को सौंपा है। दिल्ली सरकार ने इसे मंजूरी दी तो जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मुकेश शर्मा व प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी की टीम दिल्ली में प्रदूषण के कारण और प्रभाव पर शोध कर रही है।
टीम ने यह पता लगा लिया है कि दिल्ली में किस तरह का प्रदूषण किन प्रदेश या देशों की ओर से आता है। इसे रोकने को क्या किया जा सकता है। पूरा प्रोजेक्ट पिछले तीन साल के एयर क्वालिटी इंडेक्स की एनालिसिस के आधार पर तैयार किया गया है। वैज्ञानिकों की टीम का दावा है कि उसने प्रदूषण को न्यूनतम करने की जो विधियां खोजी हैं, उन्हें प्रस्ताव मंजूर होने के बाद ही सार्वजनिक करेंगे।
रिसर्च के मुख्य तथ्य उत्तर-पश्चिम से हवा के जरिए आए प्रदूषण में कुछ मात्रा पाकिस्तान की है। बाकी पंजाब और हरियाणा से दिल्ली पहुंचती है। इसमें सीसा, तांबा व कैडमियम कण होते हैं।उत्तर प्रदेश, नेपाल से भी दिल्ली में प्रदूषण पहुंच रहा है। इसमें सबसे अधिक सेलेनियम, ब्रोमीन व क्लोरीन होता है। दिल्ली में 64 फीसदी प्रदूषण बाहर से आता है। इसमें 34 फीसदी एनसीआर व 18 फीसदी यूपी की ओर से पहुंचता है।