केंद्र सरकार ने सोमवार को भले ही कृषि सेक्टर के लिए कई अहम ऐलान किए हों लेकिन दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत किसानों को यह पसंद नहीं आया है। गाजीपुर बार्डर पर धरना दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने यहां तक कह दिया कि बजट में किसानों को कुछ नहीं दिया गया है। उल्टे पेट्रो पदार्थो पर कृषि के नाम पर सेस लगा दिया गया है।
टिकैत ने कहा कि बजट से किसान को कुछ नहीं मिला। किसानों की पुरानी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी कानून नहीं बनाया गया। सरकार को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करनी चाहिए। दिल्ली की हदबंदी कर सभी को परेशान किया जा रहा है।
टिकैत ने कहा कि एमएसपी पर कानून की कोई बात नहीं की और कहते हैं कि दोगुनी आमदनी करेंगे। स्वामिनाथन कमेटी के अनुसार एमएसपी पर कानून बना दो आमदनी अपने आप बढ़ जाएगी। किसानों की फसल सरकार को थोड़े ही खरीदनी है। उसे तो व्यापारी खरीदेगा, फिर एमएसपी कानून बनाने में सरकार को क्या दिक्कत हो रही है? व्यापारियों के गोदाम पहले बन गए और उनके फायदे के लिए कानून बाद में बनाया गया। टिकैत ने कहा कि यह जो लड़ाई चल रही है, इसे ही मजबूत करो।
टिकैत ने कहा कि यह गन्ने के रेट का भी आंदोलन है, तीन क़ानूनों का भी आंदोलन है, पूरे देश में किसानों की जहां-जहां समस्या हैं, ये आंदोलन उसका है। पुलिस प्रशासन ने पहले हमारा जो सहयोग किया, उसी सहयोग की हम उम्मीद करते हैं। टिकैत ने कहा कि सरकार बातचीत से इस समस्या का हल निकाले। हम बातचीत के लिए तैयार हैं, किसान मोर्चा के जो 40 संगठनों की 40 सदस्यों की कमेटी है, उससे सरकार बात करे।
वित्त मंत्री ने कृषि के लिए कई ऐलान किये
वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश कर रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि सेक्टर के लिए एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट (कृषि ऋण लक्ष्य) और अधिक बढ़ाए जाने की जानकारी दी। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार किसानों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए बताया कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि पिछली बार यह 15 लाख करोड़ रुपये का था।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सभी फसलों पर उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना अधिक एमएसपी दी जा रही है। उन्होंने कहा, ”हमने किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं। किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की गई है।” उन्होंने बताया कि गेहूं के लिए किसानों को 75,060 और दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान हुआ है। धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है। इसके अलावा, सरकार कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने एमएसपी पर खरीद जारी रखने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, सरकार ने उज्जवला योजना में और अधिक लाभार्थियों को बढ़ाए जाने का ऐलान किया। मंत्री ने कहा कि मुफ्त रसोई गैस रसोई गैस योजना उज्ज्वला को 1 करोड़ और लाभार्थियों तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य पर अभी भी कायम है। प्रधानमंत्री मोदी ने 4 करोड़ से अधिक किसानों, महिलाओं आदि को सीधे नकद राशि दी है।