हरियाणा सरकार ने राज्य के 17 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि शनिवार को 31 जनवरी शाम पांच बजे तक के लिए बढ़ा दी। राज्य सरकार ने यह कदम शांति एवं कानून व्यवस्था में किसी तरह का व्यवधान रोकने के लिए उठाया है। दरअसल, केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के दौरान इस हफ्ते की शुरूआत में हुई हिंसा थी।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी, सिरसा, सोनीपत, झज्जर और पलवल जिलों में बढ़ा कर 31 शाम बजे तक के लिए कर दिया है।
बयान में कहा गया है, यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने में किसी भी व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर उसके खिलाफ संबद्ध प्रावधानों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विपक्षी कांग्रेस ने मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने के सरकार के फैसले की आलोचना की है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बयान में दावा किया कि इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने का आदेश किसानों के आंदोलन को कुचलने के इरादे से दिया गया है और उन्होंने यह सेवा फौरन बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह फैसला कोरोना वायरस महामारी के चलते घर से काम कर रहे पेशेवरों, ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्रों और व्यापारियों एवं दुकानदारों को प्रभावित करेगा तथा इससे आम आदमी को असुविधा होगी।
सुरजेवाला ने कहा, (राज्य की) भाजपा-जजपा सरकार किसान आंदोलन को कुचलने और इसे बदनाम करने के अपने नापाक मंसूबों में इस कदर लिप्त हो गई है कि उसे आम आदमी को होने वाली असुविधा की जरा भी परवाह नहीं रह गई है।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हिंसा होने के बाद मंगलवार को राज्य के सोनीपत, झज्जर और पलवल जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने का आदेश दिया था। शुक्रवार को इसका दायरा बढ़ा कर 14 अन्य जिलों तक कर दिया गया।