झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने गुरुवार को एक चुनाव प्रचार में पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिले में राज्य के आदिवासी बहुल पश्चिमी हिस्से में एक स्वायत्त परिषद की स्थापना की मांग की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह आहत हैं कि सोरेन राजनीतिक प्रयोजनों के लिए झारग्राम आए। उन्होंने सोरेन को अपने राज्य की देखभाल करने की सलाह दी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सूत्रों ने कहा कि पार्टी इस साल अप्रैल-मई में बंगाल विधानसभा चुनाव में पश्चिम की कई सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि जंगल महल क्षेत्र में उपस्थित भारी जनसभा इसका प्रमाण है। सोरेन ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के आदिवासी लोगों का हित के लिए झामुमो के लिए लड़ाई लड़ेगी।’ पश्चिमी भाग के लिए एक स्वायत्त परिषद की स्थापना के लिए आदिवासी लोगों की एक पुरानी मांग को पूरा करने के लिए वह प्रयास करेंगे।
रैली में क्या बोले हेमंत सोरेन?
हेमंत सोरेन ने रैली में कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के समय साजिशन आदिवासियों को ताकतवर बनने नहीं दिया गया। झारखंड की सीमा से सटे बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को झारखंड में शामिल नहीं किया गया। यह वृहद झारखंड का हिस्सा है। उन्होंने यहां तक कहा कि पश्चिम बंगाल के आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए झामुमो एक बार फिर आंदोलन करेगा। आने वाले समय में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा पूरे बंगाल के क्षेत्र में सक्रिय होगा, जिससे हम अपने पुराने सपने को पूरा कर सकें। हेमंत सोरेन ने संताली भाषा में अपने संबोधन में कहा कि भारत में आज ऐसी सरकार है, जिसने इस देश को कुछ नहीं दिया। इस देश के पूर्वजों की संपत्ति को बेच-बेच कर देश को चलाया जा रहा है। कभी ट्रेन, कभी एयरपोर्ट तो कभी हवाई जहाज की बिक्री हो रही है। वह दिन दूर नहीं जब इस देश में खून सस्ता और पानी महंगा होगा।
ममता ने दी सोरेन को नसीहत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले हम शामिल हुए थे। उन्हें और उनकी पार्टी को अपना पूर्ण समर्थन दिया था। आज वह चुनाव लड़ने के लिए बंगाल आए हैं। वह उम्मीदवारों को मैदान में उतारना चाहते हैं। यह कहीं से भी ठीक नहीं है। तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय में विभिन्न गैर-बंगाली समुदायों के सदस्यों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बड़ी संख्या में बंगाली लोग झारखंड में रहते हैं। क्या हमें भी वहां चुनाव लड़ना चाहिए? ममता बनर्जी ने गैर-बंगाली समुदाय से टीएमसी का समर्थन करने और भाजपा के खिलाफ अभियान चलाने की अपील की।