भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के पीछे कुछ असामाजिक तत्व थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाइयों के कारण कुछ असामाजिक तत्व परेड में शामिल हो गए और यह हिंसा का कारण बना। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एक बयान में यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने परेड के पहले से तय मार्गों के कुछ स्थानों पर गलत तरीके से बैरिकेड लगाए थे।
टिकैत ने कहा, यह जानबूझकर किसानों को बरगलाने के लिए किया गया था, इस वजह से ट्रैक्टरों पर किसान भटक गए।” उन्होंने दावा किया कि इससे असामाजिक तत्वों को ट्रैक्टर परेड में प्रवेश का मौका मिला। उन्होंने कहा कि बीकेयू शांतिपूर्ण प्रदर्शन में विश्वास करता है और हिंसा के पीछे उपद्रवियों की पहचान करेगा।
बता दें कि ट्रैक्टर परेड जिसका मकसद किसानों की मांगों को रेखांकित करना था, वह मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर अराजक हो गई। हजारों की संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी किसान अवरोधक तोड़ते हुए लाल किला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है।
राजपथ और लालकिले पर दो बिल्कुल अलग-अलग चीजें देखने को मिली। राजपथ पर जहां एक ओर भारतीयों ने गणतंत्र दिवस पर देश की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन देखा। वहीं प्रदर्शनकारी तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर मुगलकालीन लाल किला पहुंच गए जो स्वतंत्रता दिवस समारोह का मुख्य स्थल है।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कई स्थानों पर झड़पें हुईं जिससे अराजकता की स्थिति उत्पन्न हुई। इस दौरान पूरे दिन हिंसा हुई। इस दौरान घायल होने वाले किसानों की वास्तविक संख्या की जानकारी नहीं है लेकिन दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनके 86 कर्मी घायल हो गए। इनमें से 41 पुलिसकर्मी लाल किले पर घायल हुए।