उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि किसी को भी ‘जय श्रीराम कहने को मजबूर नहीं किया जा रहा और इस तरह के नारों में बुरा मानने की कोई बात नहीं है क्योंकि यह तो अभिवादन है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसे नारे लगने के बाद कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करने से इनकार कर दिया था। बनर्जी ने शनिवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में तब बोलने से इनकार कर दिया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वहां जय श्री राम के नारे लगाए गए।
नेताजी की 125वीं जयंती मनाने के लिए कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में बनर्जी अपना भाषण शुरू करने मंच पर खड़ी हुईं तभी भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने नारा लगाया था।
योगी ने कुछ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि कोई जय श्रीराम कहता है तो इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं है क्योंकि यह तो एक प्रकार का अभिवादन है। उन्होंने कहा,”यदि कोई नमस्कार या जय श्रीराम कहता है तो यह उनके शिष्टाचार को दर्शाता है।
‘जय श्रीराम के नारे लगने के बाद बनर्जी के सभा को संबोधित करने से इनकार के बारे में एक सवाल के जवाब में योगी ने कहा, ”हम किसी को भी बोलने के लिए मजबूर नहीं कर रहे। लेकिन यदि कोई जय श्रीराम कहता है तो इसमें बुरा लगने जैसा कुछ नहीं है। बनर्जी ने कहा था कि कि ऐसा ”अपमान अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि सरकारी कार्यक्रम है। भाजपा ने दावा किया कि बनर्जी ने जो प्रतिक्रिया दी है वह तुष्टिकरण की राजनीतिक की उनकी मानसिकता को दर्शाती है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बनर्जी के मुख्य ‘पराक्रम दिवस’ समारोह में ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष के बाद भाषण नहीं देने के लिए रविवार को उनकी तीखी आलोचना की और कहा कि यह उनकी ”हिंदू विरोधी मानसिकता और किसी विशेष समुदाय को खुश करने के प्रयास को दर्शाता है।
भाजपा नेता एवं नेताजी के संबंधी चंद्र कुमार बोस ने कहा कि नारा लगाने में कुछ गलत नहीं है और नेताजी की जयंती में राजनीति नहीं की जानी चाहिए। पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं तथा ऐसे में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस के बीच तनातनी बहुत बढ़ गई है।
योगी ने दावा किया कि देश में जिन राज्यों में कानून-व्यवस्था सबसे अच्छी है, उसमें से एक उत्तर प्रदेश है। उन्होंने कहा, ”पूर्ववर्ती राज्य सरकारों के शासन में अनेक दंगे हुए जबकि हमारी सरकार के दौरान राज्य में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।