महाराष्ट्र की तीन सरकारी एजेंसियों के फायर विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के परिसर में आग लगने और उसमें पांच लोगों की मौत की घटना की जांच शुक्रवार से शुरू कर दी है। पुणे महानगरपालिका (पीएमसी), पुणे महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए), महाराष्ट्र औद्यागिक विकास निगम (एमआईडीसी) के अग्निशमन विभाग के प्रमुख इस संयुक्त जांच दल का हिस्सा होंगे।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी परिसर में गुरुवार को एक निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत में आग लगने से संविदा पर काम करने वाले पांच मजदूरों की जलकर मौत हो गई। टीका बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी के परिसर में सेज-3 इलाके में लगी आग में इमारत की ऊपरी दो मंजिलों को नुकसान पहुंचा है।
पीएमआरडीए के मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेन्द्र पोटफोड़े ने बताया कि पीएमसी के योजना एवं विकास प्राधिकरण के अधिकारी और एमआईडीसी, सभी साथ मिलकर इमारत में आग लगने के कारणों का पता लगाएंगे। जोन 5 की पुलिस उपायुक्त नम्रता पाटिल ने बताया कि हदप्सार थाने ने दुर्घटना और जलने के कारण मौत होने का मामला दर्ज किया है।
पोटफोड़े ने बताया, आज हम देख रहे हैं कि पूरी मंजिल (चौथी और पांचवीं) क्षतिग्रस्त हो गई है। हम आग लगने के कारण और आग कैसे फैली इसकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आग में कई तरह के उपकरण भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा, सभी एजेंसियों से मिले तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाएगा कि आग कैसे लगी। पीएमआरडीए अधिकारी ने फिलहाल आग लगने के संभावित कारणों पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
एमआईडीसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी संतोष वारिक ने भी कहा कि आग लगने के कारणों पर फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है। पीएमसी के अग्निशमन विभाग के प्रमुख प्रशांत रानपीसे ने कहा, ”हमने जांच शुरू कर दी है। जांच का मुद्दा यह पता लगाना है कि आग कैसे लगी। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंच गई है और जांच कर रही है।
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूटी ऑफ इंडिया के मंजरी परिसर में ही कोविड-19 के टीके कोविशील्ड का उत्पादन हो रहा है। इस टीके का भारत सहित अन्य कई देशों में भी उपयोग हो रहा है। जिस इमारत में आग लगी थी वह कोविशील्ड उत्पादन ईकाई से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।