राजस्थान की पोल्ट्री फार्म में अब तक बर्ड फ्लू का एक भी केस नहीं आया है, लेकिन उसके संक्रमण के खौफ ने ही चिकन कारोबार में मंदी ला दी है। बर्ड फ्लू के खौफ में राजधानी जयपुर में चिकन के दाम 23 प्रतिशत तक गिर गए हैं। साथ ही चिकन की डिमांड भी 30 प्रतिशत तक घट गई है। हालांकि, अब प्रदेश में बर्ड फ्लू का असर घट रहा है।
कारोबार में छाई मंदी को लेकर जयपुर में चिकन कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि, बर्ड फ्लू से पहले चिकन के रेट एवरेज 160 से 180 रुपए किलो चल रहे थे। जनवरी के पहले पखवाड़े में दाम घटकर 120 से 130 रुपए हो गए। पिछले 6 से 7 दिन से व्यापार में वापस रौनक लौटने लगी है।
इसकी सबसे बड़ी वजह है कि बर्ड फ्लू तो आया लेकिन किसी भी पोल्ट्री फॉर्म में यह वायरस नहीं पाया गया। दूसरी तरफ दिल्ली ने भी सप्लाई की रोक हटा ली है। दिल्ली सरकार ने 13 जनवरी को चिकन बिक्री पर रोक लगाई थी, जिसे दो दिन बाद ही हटा लिया था। साथ ही कारोबारियों को अंडे के कीमत में भी नुक्सान झेलना पड़ा है। जयपुर में बर्ड फ्लू से पहले 30 अंडों की एक ट्रे जो पहले 180 रुपए तक बिकती थी वह बाजार में 140 रुपए तक बिक रही है। वहीं अंडों की कीमत भी 22 प्रतिशत तक घट गई।
गौरतलब है कि, प्रदेश में बर्ड फ्लू से पक्षी मरने की संख्या में भी लगातार गिरावट आ रही है। राजस्थान में 25 दिसंबर से आज दिन तक कुल 5759 पक्षियों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा 1200 पक्षियों की मौत जयपुर में हुई है। पूरे राजस्थान में 33 में से 17 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। उदयपुर ऐसा जिला है जहां एक भी पक्षी अब तक नहीं मरा है। जनवरी के पहले 10 दिन में प्रदेशभर में पक्षियों के मरने की संख्या प्रतिदिन 350-400 के बीच आती थी, वह कम होकर पिछले 5 दिन से 200 से 215 के बीच रह गई है।