लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासावान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर नया हमला बोला है। पिछले दिनों भीम आर्मी के पूर्व जिलाध्यक्ष रोनोजीत उर्फ जॉन पासवान की चाकू से गोदकर हत्या के बाद उनके परिवारीजनों को ढांढस बंधाने मुजफ्फरपुर पहुंचे चिराग ने सीएम नीतीश को बिहार में बढ़ते अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रही हत्याओं, लूट और रेप जैसी घटनाओं के लिए खुद सीएम जिम्मेदार हैं। एक के बाद एक वारदातें हो रही हैं। सीएम के पास गृह मंत्रालय भी है। इसके बावजूद वह अपराधों को होने से नहीं रोक पा रहे हैं।
मुजफ्फरपुर के करजा थाना क्षेत्र के पकड़ी के रोनोजीत की हत्या को लेकर स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है। उन्होंने चिराग पासवान के सामने ही पुलिसकर्मियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। चिराग ने पटना में इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार की हत्या का भी मसला उठाया। उन्होंने कहा कि अभी तक रूपेश के हत्यारे पकड़े नहीं जा सके हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 16 वर्षों से राज्य के सीएम हैं। बिहार पुलिस की कमान भी उन्हीं के हाथों में है। लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री को कम से कम अब सीरियस हो जाना चाहिए। उन्होंने रोनोजीत उर्फ जॉन पासवान के परिवार को मिल रही धमकियों का उल्लेख किया और सुरक्षा देने की मांग की।
इसके पहले मंगलवार को चिराग पासवान ने छपरा में इंडिगो के मैनेजर रूपेश सिंह के परिवार के लोगों से मुलाकात की थी। वहां भी उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर हमला किया था। सीएम को बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए चिराग ने कहा था कि उन्हीं के पास गृह मंत्रालय भी है फिर भी वारदातों पर विराम क्यों नहीं लग रहा। रूपेश सिंह मर्डर केस में अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी। हत्या के इतने दिनों बाद तक पुलिस कोई ठोस बात नहीं बता पा रही। उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति को अत्यंत खराब बताते हुए रूपेश के परिवार को सुरक्षा देने की मांग की थी।
उन्होंने रूपेश के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की। चिराग ने कहा कि, ‘रूपेश की हत्या पटना के पॉश इलाके में हुई। यदि ऐसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में हत्या हो सकती है, तो बिहार में कोई सुरक्षित नहीं है।’ उन्होंने कहा कि, ‘यह दुख की बात है की प्रदेश में कानून व्यवस्था अपने सबसे निचले स्तर पर है और सवाल पूछने वालों को ही बेतुका जवाब देकर चुप करवाया जा रहा है।’