कृषि कानूनों के विरोध में नई दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है। इसमें शामिल होने के लिए कई राज्यों से किसानों का जत्था दिल्ली जा रहा है। ओडिशा से भी पांच सौ से ज्यादा किसानों का जत्था पांच बसों और कई छोटे वाहनों से सड़क मार्ग से दिल्ली रवाना हो चुका है। बिहार से मंगलवार की सुबह किसानों के चंदौली के रास्ते यूपी में प्रवेश करने की सूचना के बाद यहां भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। अधिकारियों ने किसानों को यहीं पर रोकने की तैयारी कर ली है। किसान अगर वापस नहीं गए तो उन्हें अस्थायी जेल में रखने के लिए जगह की तलाश भी की जा रही है। पुलिस की तैयारी को देखते हुए चंदौली के नौबतपुर बार्डर पर टकराव की नौबत आ गई है।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन पिछले दो महीने से दिल्ली बार्डर पर धरनारत हैं। किसान संगठनों ने कृषि कानून को वापस लेने की मांग के समर्थन में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में तिरंगा लेकर ट्रैक्टर रैली निकालने का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन को सूचना मिली कि ओडिशा से काफी संख्या में किसान बसों व अन्य वाहनों में सवार होकर सड़क मार्ग से दिल्ली जा रहे हैं। इसे देखते हुए किसानों को यूपी बिहार बार्डर पर नौबतपुर में ही रोकने की योजना बनाई गई है।
इसके मद्देनजर नौबतपुर बार्डर पर पुलिस व पीएसी की तैनाती कर दी गई है। एसडीएम सदर विजय नरायण सिंह, सीओ सदर कुंवर प्रताप सिंह, सीओ चकिया प्रीति त्रिपाठी को कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। जिले के आलाधिकारी भी बराबर नजर बनाए हुए हैं। एसपी अमित कुमार का कहना है कि ओडिशा से बड़ी संख्या में किसानों के दिल्ली रवाना होने की सूचना मिली है। इसके मद्देनजर नौबतपुर बार्डर पर पुलिस व पीएसी की तैनाती कर दी गई है। किसानों को बार्डर पर ही रोका जाएगा।
अस्थायी जेल की तलाश जारी
जिला प्रशासन की ओर से ओडिशा समेत बिहार व अन्य राज्यों से दिल्ली जाने वाले किसानों को रोकने और उन्हें रखने की तैयारी भी हो रही है। इसके लिए नौबतपुर बार्डर पर अस्थायी जेल के लिए जगह की तलाश की जा रही है। बार्डर पर निजी स्कूल के संचालक से भी भवन को 26 जनवरी तक देने के लिए बात की गई है।
जिले के किसानों पर भी नजर
जिला प्रशासन की ओर से गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में शामिल होने वाले संभावित किसान संगठनों ने नेता और किसानों को भी गोपनीय ढंग से चिह्नित करना शुरू कर दिया है। इससे विभागीय कर्मचारियों के अलावा एलआईयू की भी मदद ली जा रही है।
बनारस के होटल में थी भोजन की तैयारी, प्रशासन ने रोका
किसानों के जत्थे को पहले सोमवार की रात ही बिहार से यूपी सीमा में प्रवेश कर बनारस में रात्रि विश्राम करना था। इसी बीच बिहार के भभुआ पहुंचने पर किसानों को पता चला कि बनारस में जहां उनके रुकने और भोजन की तैयारी थी, उसे प्रशासन ने सील कर दिया है। इसे देखते हुए किसानों का जत्था मोहनिया के एक स्कूल में ही रुक गया और रात्रि विश्राम वहीं पर करने के बाद सुबह रवाना होने की तैयारी की गई। किसानों का कहना है कि पुलिस जहां भी हमें रोकेगी वहीं पर धरना शुरू कर दिया जाएगा। किसान वापस नहीं जाने वाले हैं।