बदायूं के उघैती कांड के अधिकांश रहस्यों से पर्दा उठ चुका है लेकिन कई रहस्य ऐसे भी हैं, जिन पर पर्देदारी बरकरार है। उन रहस्यों को पुलिस अपने दम पर उजागर भी नहीं कर सकती, क्योंकि इसके लिए फोरेंसिक टीमों की दरकार थी। उन रहस्यों को खंगालते हुए सच सामने लाने के लिए शासनस्तर से चुनिंदा वैज्ञानिकों की टीम यहां भेजी गई थी। वहीं उम्मीद है कि अगले दो दिन में यह रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों को मिल जाएगी और इसी आधार पर तफ्तीश को आगे बढ़ाया जाएगा।
जिले के उघैती कांड में जहां मुख्य आरोपी महंत समेत उसके चेले व चालक के बयानों ने कई परतें खोली हैं। वहीं पीड़िता के मोबाइल से भी पुलिस ने कई रहस्य उजागर कर लिए हैं। मंदिर में घटनाक्रम से कुछ देर पहले मौजूद लोगों समेत इलाकाई लोगों का बयान भी लिया जा चुका है। ऐसे में अब तक का पुलिस का काम तकरीबन पूरा हो चुका है और शासन को हर बिंदु पर रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है लेकिन इस सबके के बाद तफ्तीश को किस तरह आगे बढ़ाया जाए, इसके लिए फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि टीम ने पूरे घटनाक्रम का यहां आकर कई घंटे डेमो करने के साथ ही कई तथ्यों पर काम किया था। चूंकि पूरे मामले में शासनस्तर से मानिटरिंग हो रही है। ऐसे में ये रिपोर्ट भी आने वाले दो दिन में यहां पहुंचने की उम्मीद है। इन रिपोर्ट्स के अध्ययन के बाद ही पुलिस के सामने पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
फिर से मंदिर बन जाएगा घटनास्थल
अभी तक घटनास्थल का रूप ले चुका वह मंदिर पुलिस और फोरेंसिक टीमों की निगरानी में है। वहां किसी का भी आना-जाना निषेध है। हालांकि टीमें अपना काम करके यहां से जा चुकी हैं लेकिन कब किस तथ्य पर दोबारा पड़ताल करना पड़ जाए, ऐसे में अभी घटनास्थल को सील रखा गया है। माना जा रहा है कि वो रिपोर्ट्स आने के बाद ही मंदिर से पहरा हटाया जाएगा।