प्रदेश पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए श्मशान घाट हादसे की जांच शुरू कर दी है। रविवार को एसआईटी की टीम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों के साथ मौके पर पहुंची। निमार्ण कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए वैज्ञानिकों ने ढहे हुए मलबे से सैंपल एकत्र किया।
एसआईटी के डीजी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच के लिए सीबीआरआई का सहयोग लिया जा रहा है। सीबीआरआई केंद्र सरकार की संस्था काउंसिल आफ साइंस एंड इंड्रस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) रुड़की के अधीन कार्य करती है। एसआईटी के एसपी देवरंजन वर्मा जांच टीम के साथ मौके पर गए हैं। उन्होंने बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला पहले ही मलबे का सैंपल ले चुकी है। हादसे से संबंधित मुकदमा मुरादनगर थाने में दर्ज है।
एसआईटी अब पूरे मामले की जांच कर रही है। इसमें निर्माण कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया से लेकर उसके भुगतान तक की पूरी जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया था। मुरादनगर थाना क्षेत्र के उखरालसी गांव के श्मशान घाट पर गत तीन जनवरी को हुए इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी। गांव के ही एक व्यक्ति के निधन के बाद उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए लोग श्मशान घाट आए हुए थे। अंतिम संस्कार के बाद बारिश शुरू हो जाने के कारण सभी लोग घाट के प्रवेश द्वार पर बने गलियारे की छत के नीचे एकत्र हो गए थे। इस दौरान हाल ही में बनी वह छत भरभरा कर ढह गई।
इस संबंध में रविवार को ही रात में मुरादनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। इस मुकदमे में मुरादनगर नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल सिंह, सुपरवाइजर आशीष कुमार और ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद ठेकेदार ने अधिकारियों को 16 लाख रुपये घूस देने की बात कही थी।