इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक व सरकारी जमीनों पर बने अवैध पूजा स्थलों को हटाने की कोई कार्रवाई न किए जाने पर नाराजगी जताई है और मुख्य सचिव से पूछा है कि लोक संपत्तियों से कैसे और किस तरह अतिक्रमण हटाएंगे। कोर्ट ने मुख्य सचिव को 12 जनवरी को पूरी जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोरोना संक्रमण व पार्किंग व्यवस्था की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बने पूजा स्थलों को हटाने के निर्देश पर कोई प्रगति नहीं है। राज्य सरकार नहीं बता पा रही है कि क्या किया जाए। कोर्ट ने पीडीए से पूछा कि वह ही बताए कि इस संबंध में किसे आदेश दिया जाए।
प्रयागराज में माघ मेले की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्य सचिव व सीएमओ प्रयागराज ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि कम से कम पांच दिन तक की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के साथ आने वाले ही मेले में प्रवेश पा सकेंगे।हलफनामे में प्रयागराज शहर के बारे में कोई योजना नहीं बताई गई। कोर्ट ने कहा कि यदि एक भी कोरोना संक्रमित शहर में आया तो पूरे मेले में संक्रमण फैलते देर नहीं लगेगी।
कोर्ट ने सरकार की योजना को संतोषजनक नहीं माना और मुख्य सचिव को संक्रमण को पूरी तरह से नियंत्रित करने की योजना पेश करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज में ब्वायज हाईस्कूल की सड़क पटरी को वेंडिंग जोन बनाने पर रिहायशी कालोनी के लोगों को इकट्ठा होने वाली भीड़ व आए दिन घटित हो रही अप्रिय घटनाओं को लेकर दाखिल अर्जी पर कोर्ट ने नगर निगम से जानकारी मांगी है।
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के लिए दूसरा गेट बनाने के मामले में कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से हलफनामा मांगा है कि गेट का निर्माण पूरा हुआ या नहीं। और यदि निर्माण पूरा नहीं हो सका है तो प्रोजेक्ट मैनेजर हाजिर होकर बताएं कि उनके खिलाफ आदेश की अवहेलना करने की कार्यवाही क्यों न की जाए।
कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से कोरोना वैक्सीन लगाने की योजना की पूरी जानकारी मांगी है। साथ ही जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित तालाब की बहाली मामले में नगर आयुक्त व पीडीए के जोनल अधिकारी को तलब किया है और पूछा है कि अदालत की डिक्री का पालन किया गया या नहीं।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि भविष्य में तालाब भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण न होने दिया जाए।तालाब बहाल किया जाए और इसे राजस्व अभिलेखों में तालाब दर्ज किया जाए।
कोर्ट ने सिविल लाइंस में पार्किंग स्थल बहाली पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही पीडीए कालोनी में अवैध अतिक्रमण का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।