नवरूना कांड में लंबे समय के बाद सीबीआई विशेष कोर्ट पहुंची। ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि हमलोगों ने लगातार सात सालों तक जांच की। आधा दर्जन संदिग्धों को गिरफ्तार किया। तमाम संदिग्धों की ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर व नॉर्को आदि जांच देश के शीर्ष वैज्ञानिक जांच केंद्र से कराये। साक्ष्य देने वालों को दस लाख रुपये इनाम का ऐलान किया गया। लेकिन, हमें सबूत हाथ नहीं लगे। पूरे मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। जांच में कोताही व चूक का सवाल ही नहीं है। यदि हमें किसी तरह का साक्ष्य मिलता तो मामले को आगे बढ़ाते। फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने की नौबत नहीं आती है।
अधिकारियों ने बताया कि हमने कांड की जांच में पूरी ताकत झोंक दी। लेकिन, दुर्भाग्य से परिणाम हाथ नहीं लग सका। अधिकारियों ने बताया कि यह केस बिलकुल अलग तरीके का है। खिड़की तोड़कर नवरूना का अपहरण किया गया। खिड़की तोड़ने की बात अजीबोगरीब है। हमलोग नवरूना के परिजनों से सहयोग चाहते हैं।
बता दें कि जांच संपन्न होने के बाद सीबीआई ने बीते 13 नवंबर को कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की थी। 40 पेज की फाइनल रिपोर्ट में जांच से जुड़ी सभी बातों को शामिल किया गया है। फिलहाल रिपोर्ट पर कोर्ट के समक्ष नवरूना के परिजनों का पक्ष अबतक नहीं रखा जा सका है।