केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन आज 45वें दिन भी जारी है, लेकिन अब तक गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। किसानों को मनाने के लिए शुक्रवार को हुई आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। 15 जनवरी को अगले दौर बात होगी। किसान बिल वापसी से कम पर राजी नहीं हैं, जबकि सरकार संशोधन को तैयार है।
आठवें दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार ने बार-बार कहा है कि किसान संगठन अगर तीनों कृषि कानून वापस लेने के अलावा कोई विकल्प देंगे तो हम बात करने को तैयार हैं। आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि इन कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन देश में बहुत से लोग इन कानूनों के पक्ष में हैं।
सरकार के साथ वार्ता के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि कानून निरस्त होने से पहले किसान भरोसा नहीं करेंगे। हम फिर से 15 तारीख को आएंगे। हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सरकार संशोधनों के बारे में बात करना चाहती थी, लेकिन हम क्लॉज वार चर्चा नहीं करना चाहते हैं। हम केवल नए कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहते हैं। टिकैत ने कहा कि अभी तारीख पर तारीख चल रही है। बैठक में सभी किसान नेताओं ने एक आवाज में बिल रद्द करने की मांग की थी। हम चाहते हैं बिल वापस हो, सरकार चाहती है संशोधन हो। सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी।
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– गाजीपुर : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कल की वार्ता पूरी तरह से विफल रही। सरकार और किसान दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बनी। अब 15 जनवरी को फिर से बैठक होनी है। ये आंदोलन लंबा चलेगा क्योंकि सरकार कानून वापस लेने को तैयार नहीं और किसान घर वापसी के लिए तैयार नहीं हैं।सिंघु बॉर्डर : कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने बताया कि कल की बैठक भी विफल रही और 15 जनवरी को जो बैठक होने वाली है उसमें भी कोई समाधान नहीं निकलेगा और जब तक ये 3 कानून रद्द नहीं होते तब तक हम यहां से वापस नहीं जाएंगे।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।