बिहार पुलिस सेवा के दो अधिकारियों पर अपराध नियंत्रण में विफल रहने के चलते गाज गिरी है। राज्य सरकार ने इनके खिलाफ अब विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित संकल्प गृह विभाग ने गुरुवार को जारी कर दिया।
मुजफ्फरपुर के तत्कालीन डीएसपी टाउन मुकुल कुमार रंजन पर आरोप है कि 2018 से मार्च 2019 के दौरान इनके क्षेत्र में हत्या, डकैती और लूट समेत 685 मामले दर्ज किए गए। पर इनके द्वारा मात्र 31 कांडों का खुलासा किया गया। सरकार का मानना है कि वह अपराध रोकने में विफल रहे। इसके साथ ही अन्य आरोपों में इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। अब विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया गया है। मुकुल कुमार रंजन फिलहाल पुलिस अकादमी में वरीय पुलिस उपाधीक्षक हैं।मुजफ्फरपुर, पूर्वी के डीएसपी रहे गौरव पाण्डेय पर भी ऐसे ही आरोपों में विभागीय कार्यवाही चलेगी। वर्ष 2018 से मार्च 2019 के बीच इनके क्षेत्र में कुल 559 मामले दर्ज हुए जिसमें 37 कांडों का ही खुलासा इनके द्वारा किया गया। आरोप है कि अपराध नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी कार्ययोजना नहीं थी। वहीं पर्यवेक्षण के लिए काफी संख्या में कांड लंबित थे। गौरव पाण्डेय फिलहाल वरीय पुलिस उपाधीक्षक, रेल बरौनी के पद पर तैनात हैं।