बदायूं पुलिस की महंत से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि महंत बहुत शातिर निकला। उसने दो महिलाओं से प्रेम संबंध की बात कुबूली है। देर रात तक कई दौर की पूछताछ में महंत ने हत्या और गैंगरेप से इनकार किया। उसने कहा आंगनबाड़ी कार्यकत्री की कुएं में गिरकर मौत हो गई थी।
बदायूं के उघैती इलाके में गुरुवार देर रात को पुलिस ने महंत सत्य नारायण सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की कड़ी पूछताछ में महंत ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री समेत एक अन्य महिला से उसके प्रेम संबंध थे। इसको लेकर महिला का उससे झगड़ा हो गया। गुस्से में महिला कुएं में कूद गई, जिससे उसकी मौत हो गई। महिला के कुएं में गिरने से महंत घबरा गया। उसने इसकी सूचना किसी को नहीं दी। पुलिस ने गैंगरेप और हत्या के बाबत जितनी बार भी महंत से पूछताछ की वह अपना बयान दोहराता रहा।
चार दिन तक कहां छुपा था हैवान महंत ? कौन कर रहा था मदद, जानिए बदायूं गैंगरेप केस की इनसाइड स्टोरी
महंत ने संबंध होने की बात स्वीकार की है लेकिन हत्या और गैंगरेप की बात से इनकार किया। पुलिस अब और सख्ती से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा महंत से जुड़ी एक अन्य महिला से भी पूछताछ की जाएगी। महंत ने उसका भी नाम पता पुलिस को बताया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक महंत से जो बातें पता चली हैं उसके अनुसार धर्म स्थल में कई महिलाओं का आना जाना था। इनमें से महंत दो महिलाओं के करीब आ गए थे। इसी वजह से घटना हो गई।
तीन जनवरी की रात की घटना
बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र तीन जनवरी की रात 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी का सबूत मिला था। गुप्तांग में रॉड जैसी कोई चीज डालने का मामला सामने आया था। उसकी बाईं पसली, बायां पैर और बायां फेफड़ा भी वजनदार प्रहार से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। महिला के प्राइवेट पार्ट में गंभीर घाव थे। काफी खून भी निकल गया था।
रिपोर्ट में कोई लोहे की रॉड या सब्बल गुप्तांग में ठूंसे जाने की बात भी सामने आई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देख अफसर हैरत में थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उघैती पुलिस ने धर्मस्थल के महंत सत्यनारायण दास, उसके सहयोगी वेदराम व यशपाल के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। वेदराम व यशपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। फरार महंत सत्यनारायण दास पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
महिला आयोग की सदस्य पी़डित परिवार से मिलीं
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चन्द्रमुखी गांव पहुंची और परिवार से मुलाकात कर बोलीं, महिलाओं को लेकर सरकार तो गंभीर है लेकिन अधिकारी नहीं हैं। उघैती कांड पुलिस की लापरवाही का नतीजा है। पुलिस चाहती तो महिला की जान बच सकती थी। राज्य महिला आयोग की सदस्य मिथलेश अग्रवाल ने भी परिवार से मुलाकात की और न्याय का भरोसा दिलाय़ा।