कोरोना काल में विदेशी पर्यटकों की कदम थमी है। विभिन्न देशों के बौद्ध मंदिरों में सन्नाटा पसरा है। जिससे मंदिर को दान आए और वहां की व्यसवस्था सुचारू ढंग से चल सके। वहीं ये बौद्ध मंदिर साइबर क्राइम करने वाले लोगों के टारगेट पर आ चुकी है। बोधगया सुजाता बाईपास स्थित तेरगर बौद्ध मंदिर में एक संस्था पाल पुंग मुनि शशन के स्टेट बैंक के खाते से फर्जी चेक के जरिए 57 लाख 90 हजार रुपए निकाले जाने की कोशिश का मामला सामने आया है।
एक चेक से 9 लाख 90 हजार पैसे निकलने के बाद 48 लाख का दूसरा चेक वेरिफिकेशन के लिए दिया गया है। 9 लाख रुपए निकाले जाने का मैसेज आने पर धांधली पकड़ी गई है। हालांकि पैसे निकलने की मैसेज मिलते ही मंदिर प्रबंधन ने सूझ बूझ दिखायी और तुरंत बैंक पहुंचकर इसकी सूचना वहां के अधिकारियों को दी। मामले पर बैंक अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और फर्जीवाड़े का मामला पकड़ा गया। बैंक कर्मियों की चतुराई के कारण मंदिर का पैसा सुरक्षित करा दिया गया है। फिलहाल बैंक ने मंदिर का खाता कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया है। ताकि इस तरह का और कोई मामला हो, तो उसे रोका जा सके।
मंदिर के केयर टेकर योगित शक्या ने बताया कि 9 लाख 90 हजार रुपये का चेक चेन्नई के किसी हरे कृष्ण स्टील ने क्लियरेंस के लिए दिया। जिसका बैलेंस भी कट चुका था। पैसे कटने की मैसेज आया तो कान खड़े हुए। उसके बाद बैंक के अधिकारियों से मुलाकात कर पैसे को वापस कराया गया। इसके साथ 48 लाख रुपए एक और चेक क्लियरेंस के लिए दिया गया था। जिसपर बैंक अधिकारियो ने अवैध निकासी पर रोक लगाते हुए मंदिर के चेकबुक को कुछ दिनों के लिए रद्द कर दिया है।
जिस चेक से पैसे निकाले वह चेकबुक में ही है
मालूम हो कि जिस चेक संख्या से पैसे निकाले गए। वह चेक संख्या चेकबुक में ही लगा है और किसी को भी नहीं गया है। फर्जी चेक से पैसे निकाले गए। फिलहाल तेरगर मोनेस्ट्री के बैंक खाते का पैसा सुरक्षित है। बैंक एक बड़े अधिकारी ने मामले इसकी पुष्टि की है।लेकिन पुलिस के मामला का हवाला देते हुए विशेष कुछ बताने से इंकार कर दिया। बोधगया में कम से कम 20 से ज्यादा देशों के बौद्ध मंदिर हैं। सभी बौद्ध मंदिर विदेशी पर्यटकों से गुलजार हुआ करती थी। यहां का मुख्य पर्यटन व्यवसाय है। बौद्ध मंदिर विदेशी पर्यटकों के दान पर टिकीं होती है। बौद्ध श्रद्धालु या विदेशी पर्यटक बोधगया घूमने आते है वे लोग मंदिर में इच्छा से दान देते हैं।