बिहार में सियासी संग्राम जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कम सीटों के अंतर से सरकार बनाए जाने के बाद सत्ताधारी गबंधन के मुख्य साझीदार जदयू और मुख्य विपक्षी दल राजद के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। वहीं अरूणाचल प्रदेश की घटना के बाद राजद लगातार जदयू पर सियासी वार करने में लगा है। एक बार फिर से राजद ने जदयू विधायकों के पार्टी छोड़ने की बात कही। राजद ने जदयू को खुली चुनौती देते हुए कहा कि पार्टी में टूट तय है, विधायकों को बचा सकते हो तो बचा लो।
इस बार राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पार्टी के सहयोगी और पूर्व मंत्री श्याम रजक के बयान से आगे बढ़ते हुए न्यूज चैनल आजतक से बातचीत में कहा कि जेडीयू में टूट होना तय है और पार्टी के विधायक जल्द ही पार्टी छोड़कर राजद में शामिल होंगे। तिवारी ने चुनौती देते हुए कहा कि जदयू में टूट होना तय है, पार्टी अपने विधायकों को बचा सकती है तो बचा ले।
आपको बता दें कि बीते दिनों आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने भी दावा किया था कि जदयू के 17 विधायक उनके संपर्क में हैं और वे कभी भी राजद ज्वाइन कर सकते हैं। श्याम रजक ने दावा किया था कि बीजेपी की कार्यशैली से नाराज जेडीयू के विधायक बिहार की एनडीए सरकार को गिराना चाहते हैं।
श्याम रजक ने भी न्यूज चैनल आजतक से बातचीत में दावा किया था कि भाजपा की कार्यशैली से नाराज जदयू के 17 विधायकों को दल-बदल कानून के अंतर्गत सदस्यता रद्द होने के खतरे से बचाने के लिए फिलहाल रोककर रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन सभी विधायकों को कहा गया है कि जेडीयू के 25 से 26 विधायक पार्टी छोड़कर आरजेडी में शामिल होने को तैयार होंगे तो दल-बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता पर आंच नहीं आएगी।
राजद नेता श्याम रजक के बयान के बाद प्रदेश का सियासी पारा बढ़ गया था। और पार्टी नेताओं ने उनके बयान को बेबुनियाद करार दिया था। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को आरजेडी नेता श्याम रजक के जदयू के 17 विधायकों के बयान वाली बात को बेबुनियाद बताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया था। उन्ही के बातों पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में आरजेडी के 5 एमएलसी को तोड़ा था, जिसका बदला बीजेपी ने अरुणाचल में ले लिया। जदयू अब बचने वाली नहीं है। जदयू में टूट होना तय है, पार्टी अपने विधायकों को बचा सकती है तो बचा ले।
अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद सियासी उबाल
आपको बता दें कि बिहार की राजनीति में यह सियासी उबाल हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी की ओर से जेडीयू के 7 में से 6 विधायकों को तोड़कर पार्टी में शामिल करने की घटना के बाद से आया हुआ है। इस घटना पर जहां जेडीयू के नेताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे गठबंधन धर्म के खिलाफ करार दिया था। वहीं आरजेडी ने भी जदयू और भाजपा दोनों पर तंज कसा था। आरजेडी ने तो यहां एक ऑफर दिया था कि नीतीश कुमार को हम पीएम उम्मीदवार बनाएंगे। वे तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम बनाएं। बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार रहे तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दें। बदले में आरजेडी उन्हें विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने को तैयार है।