पाकिस्तान की एक कट्टरवादी इस्लामी पार्टी के सदस्यों की भीड़ द्वारा पश्चिमोत्तर के एक शहर में मंदिर में तोड़फोड़ और फिर आग लगा देने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्थानीय पुलिस ने बताया कि उन्होंने देर रात छापेमारी करके कम से कम 14 लोगों को पकड़ा है। पुलिस ने आगे बताया कि इस मामले में शामिल और लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
करक जिले में हुई इस घटना की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने निंदा की थी। मजारी ने बुधवार को ट्वीट करके मंदिर में आगजनी की घटना की निंदा की और कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की अपील की।
वहीं, जिला पुलिस प्रमुख इरफान उल्लाह ने बताया कि पुलिस ने मंदिर पर हमला करने के मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में भीड़ ने मंदिर पर हमला कर दिया। स्थानीय हिंदुओं ने इस मंदिर की मरम्मत के लिए प्राधिकारियों से अनुमति प्राप्त की थी, जिसके बाद यह हमला किया गया।