अमेरिका का कहना है कि वह अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में आरोपी ब्रिटेन में जन्मे अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख को हिरासत में लेने को तैयार है। उसने यह भी कहा कि वह शेख को कानून की पकड़ से भागने नहीं देगा। अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल जेफरी ए. रोसेन की यह टिप्पणी पाकिस्तानी अदालत द्वारा शेख और उसके तीन सहयोगियों को रिहा करने का आदेश देने के बाद आई है। रोसेन ने मंगलवार को कहा कि डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में हम उसे कानून की पकड़ से भागने नहीं दे सकते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, रोसेन ने कहा, ”हमारा मानना है कि पाकिस्तान प्रशासन उमर शेख को उस वक्त तक हिरासत में रखने का प्रयास कर रहा है, जब तक कि उसे सुनाई गई सजा को बहाल करने संबंधी अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।” उन्होंने कहा कि उसकी सजा को खत्म करने और उसे रिहा करने का अन्य न्यायिक आदेश आतंकवाद के सभी पीड़ितों के लिए बड़ा आघात है।
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया के 38 वर्षीय ब्यूरो प्रमुख पर्ल का पाकिस्तान में 2002 में अपहरण कर लिया और उनकी गर्दन काटकर हत्या कर दी गई। उस समय पर्ल देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच संबंधों को लेकर एक खबर पर काम कर रहे थे। न्यायमूर्ति मुशीर आलम की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ शेख को रिहा करने के खिलाफ मारे गए पत्रकार के परिवार और सिंध सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही है। पर्ल के लिए न्याय की मांग करते हुए अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाए हुए है।
भारत ने 1999 में एअर इंडिया की उड़ान 814 के अपहृत 150 यात्रियों के बदले शेख समेत तीन आतंकियों जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा कर किया था। इस रिहाई के तीन साल बाद ही पर्ल की हत्या हुई। भारत में विदेशी पर्यटकों के अपहरण के मामले में शेख को जेल की सजा सुनाई गई थी।