शिवसेना सेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत मंगलवार को फिर 4300 करोड़ रुपए के पीएमसी बैंक धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुईं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि वर्षा राउत ने केंद्रीय एजेंसी से इस नवीनतम समन पर स्थगन और मुम्बई में उसके सामने पेश होने के लिए पांच जनवरी की नयी तारीख देने की मांग की।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने उनका अनुरोध मान लिया है और उनसे कुछ निजी एवं वित्तीय कागजात लाने को कहा है ताकि उनका बयान धनशोधन रोकथाम कानून के तहत दर्ज किया जाए। वर्षा को तीसरी बार समन जारी किया गया था। इससे पहले वह दो बार स्वास्थ्य आधार पर पेश नहीं हुई थीं।
ईडी वर्षा से कम से कम तीन साझेदार कंपनियों के साथ उनके कारोबारी सौदेबाजी के बारे में पूछताछ करना चाहती है, जिनमें उनका और इस मामले के एक अन्य आरोपी प्रवीण राउत की पत्नी का कथित रूप से संबंध है। सूत्रों ने बताया कि प्रवीण राउत और उनकी पत्नी माधुरी से ईडी पहले पूछताछ कर चुकी है और उनके बयान दर्ज किये जा चुके हैं।
इससे पहले प्रवीण राउत को इस मामले में मुम्बई पुलिस की अपराध शाख ने गिरफ्तार किया था और उस पर पीएमसी बैंक के 90 करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप हैं। एक दशक पहले माधुरी राउत और वर्षा राउत के बीच 55 लाख रुपये का अंतरण भी एजेंसी के लिए जांच का विषय है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी को यह पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले में अपराध से हासिल धन होने का संदेह है इसलिए वह वर्षा राउत से पूछताछ करना चाहती है। संजय राउत ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में उनकी पत्नी द्वारा कोई गड़बड़ी किये जाने से इनकार किया था और कहा था कि करीब डेढ़ महीने से इस मामले के सिलसिले में उनका इस जांच एजेंसी से पत्राचार चल रहा है।
राउत ने कहा, हम मध्यवर्गीय लोग हैं। मेरी पत्नी ने मकान खरीदने के लिए दस साल पहले एक मित्र से ऋण लिया था। आयकर विभाग को उसका ब्योरा दिया गया और मेरे राज्यसभा हलफनामे में भी उसका जिक्र है। ईडी दस साल बाद इस सौदे को लेकर जगी है। इस पर ईडी ने जवाब दिया कि बैंक में कथित अनियमितताएं पिछले साल ही सामने आयीं और एचडीआईएल के प्रवर्तकों एवं अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया।
ईडी ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) में कथित ऋण धोखाधड़ी को लेकर पिछले साल अक्टूबर में हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर (एचडीआईएल) , उसके प्रवर्तकों–राकेश कुमार वाधवान, उनके बेटे सारंग वाधवान, उसके पूर्व अध्यक्ष वरियम सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। उसने मुम्बई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी का भी संज्ञान लिया था जिसमें पीएमसी बैंक को 4355 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।