गाजियाबाद पुलिस ने शहर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर सरगना समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड, पेन कार्ड, आधार और वोटर कार्ड बरामद किए गए हैं। कॉल सेंटर के जरिये जालसाज कार और बाइक एजेंसियों के मालिक बनकर बैंक अधिकारियों से संपर्क करते थे और फिर एजेंसी मालिक के खाते से रकम ट्रांसफर करा लेते थे। हाल ही में इन्होंने एक कारोबारी के खाते से करीब 16 लाख रुपये की ठगी की थी।
क्षेत्राधिकारी प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि जालसाज कार की बुकिंग के बहाने पहले कार एजेंसी के मालिकों को फोन करते थे और टोकन मनी जमा करने के बहाने उनके बैंक खाते का नंबर और आईएफएससी कोड मांग लेते थे। इसके बाद आरोपी फर्जी पते पर लिए गए सिमकार्ड से ट्रू कॉलर पर एजेंसी मालिक के नाम से नंबर सेव कर लेते थे। फिर इसी नंबर से जिस बैंक में एजेंसी मालिक का खाता होता था, उसके मैनेजर को फोन करते थे और अपना परिचय एजेंसी मालिक के रूप में देते थे।
दस से 15 दिन बात करने के बाद बैंक मैनेजर को भरोसा हो जाता था कि फोन करने वाला एजेंसी का मालिक ही है। इसके बाद आरोपी एजेंसी के खाते से लाखों में रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर करने को कहते थे। बैंक प्रबंधक भी इनके ऊपर भरोसा कर अक्सर यह रकम ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद आरोपी अपना फोन बंद कर गायब हो जाते थे।
पुलिस अधीक्षक नगर (प्रथम) अभिषेक वर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान फरीदाबाद के खेड़ीपुल थानाक्षेत्र निवासी पुनीत कुमार उर्फ डंपी उर्फ गजेंद्र व पल्ला निवासी विशाल शर्मा उर्फ काचू, लोनी निवासी विनय यादव उर्फ बब्लू, पश्चिम बंगाल के हुगली में मुगरा निवासी मुन्ना साहू, बिहार के सिवान निवासी पवन मांझी व ब्रजमोहन, मथुरा के सुरीर निवासी कपिल, हाथरस के सादाबाद निवासी चेतन और खोड़ा में रहने वाले अफसर अली के रूप में हुई है।
	    	
                                
                                
                                





