टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने मंगलवार को कप्तान अजिंक्य रहाणे को चालाक कप्तान बताते हुए कहा कि उनका शांत स्वभाव नियमित कप्तान विराट कोहली से बिल्कुल उल्टा है, जो हमेशा जोश और जुनून से भरे रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में सेंचुरी बनाने के साथ अच्छी कप्तानी के लिए भी रहाणे की तारीफ की जा रही है।
शास्त्री ने दूसरे टेस्ट में आठ विकेट से मिली जीत के बाद कहा, ‘वह काफी चालाक कप्तान है और खेल को बखूबी पढ़ता है। उसके शांत स्वभाव से नए खिलाड़ियों और गेंदबाजों को मदद मिली। उमेश के नहीं होने के बावजूद वह परेशान नहीं हुआ।’ शास्त्री से रहाणे और कोहली की कप्तानी की शैली में फर्क के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा, ‘दोनों खेल को बखूबी समझते हैं। विराट काफी जुनूनी है जबकि अजिंक्य शांत है। विराट आक्रामक है जबकि अजिंक्य चुपचाप तैयारी करता है, लेकिन उसे पता है कि वह क्या चाहता है।’
उन्होंने रहाणे की सेंचुरी को दूसरे टेस्ट का टर्निंग प्वॉइंट बताते हुए कहा कि उन्होंने अविश्वसनीय धैर्य दिखाया। रहाणे के 112 रन की मदद से भारत ने पहली पारी में 326 रन बनाकर 131 रन की बढ़त ली थी। शास्त्री ने कहा, ‘रहाणे जब बल्लेबाजी के लिए उतरा तो हमारे दो विकेट 60 रन पर गिर गए थे। इसके बाद उसने छह घंटे बल्लेबाजी की। यह आसान नहीं था। उसने अविश्वसनीय धैर्य दिखाया। उसकी पारी मैच का टर्निंग प्वाइंट थी।’