मंदिर पर फूल बेचने के विवाद में सोमवार को एक युवक की दो लोगों ने लोहे की रॉड से पीट पीट कर हत्या कर दी गई। यह वारदात सोमवार सुबह 11.30 बजे डीएलएफ अंकुर विहार कॉलोनी के सामने खजूरी पुस्ता मार्ग का है। मृतक के परिजनों ने दो आरोपियों के विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने दो दारोगा शशिपाल भारद्वाज व अंकित कुमार और हेड कांस्टेबल धीरज चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया है। इन तीनों पुलिस कर्मियों पर समय रहते पूरी जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप है। इसलिए एसएसपी ने इनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।
मूल रुप से बिहार का रहने वाला सुरेन्द्र गत करीब 20 वर्षों से लोनी थाने की डीएलएफ अंकुर विहार कॉलोनी में खजूरी पुस्ता मार्ग पर स्थित महाकाल शक्ति पीठ मंदिर में पूजा पाठ का काम करते हैं तथा मंदिर के पास स्थित एक मकान में ही परिवार सहित रहते हैं। उनका छोटा बेटा अजय 34 खारी बावडी दिल्ली में एक कपडे की दुकान पर नौकरी करता था तथा खाली समय में मंदिर में फूूल बेचने का काम करता था। जबकि मंदिर की एक दुकान में सोनिया विहार दिल्ली का गोविन्द भी फूलों की दुकान चलाता है। फूल बेचने को लेकर अजय एवं गोविन्द के बीच विवाद होता रहता था।
सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे अजय खारी बावडी दिल्ली अपनी दुकान पर जाने के लिए घर से निकला था। जैसे ही वह खजूरी पुस्ता रोड पर आटो में बैठा इसी दौरान गोविन्द व उसका साथी बाइक पर सवार होकर वहां पहुंचे और उसे आटो से नीचे खींचकर लोहे की रॉड व डंडे से सिर पर ताबडतोड वार कर गंभीर रुप से घायल कर दिया। वारदात के बाद दोनो आरोपी फरार हो गए। अजय को उपचार के लिए दिल्ली के जगप्रवेश अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अजय के परिजनों ने गोविन्द व उसके एक साथी के विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। सीओ अतुल कुमार सोनकर का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। जल्द ही हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाऐगा।
पांच महीने पहले भी हुआ था विवाद
मृतक अजय के पिता सुरेन्द्र ने बताया कि नौ जौलाई को भी गोविन्द व उसके भाई ने अजय के साथ मारपीट की थी। जिसकी शिकायत उसने पुलिस से की थी, लेकिन कार्रवाई नही होने के कारण गोविन्द के होंसले बढे हुए थे और उसने अजय की हत्या कर दी।
फूल बेचने को लेकर था विवाद
अजय मंदिर के अंदर फूल बेचता था और गोविन्द मंदिर के बाहर फूलों की दुकान चलाता है। वह दुकान का किराया भी देता था। मंदिर के अंदर फूल मिलने के कारण गोविन्द की दुकान कम चलती थी। इसी को लेकर वह अजय से विवाद करता था और मंदिर के अंदर फूल बेचने का विरोध करता था।