पीएमसी बैंक घोटाले में पत्नी वर्षा राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का समन मिलने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए चंद पंक्तियां लिखी हैं। राउत ने लिखा है कि आ देखें जरा, किसमें कितना है दम। मालूम हो कि ईडी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 29 दिसंबर को तलब किया है।
इस मामले में वधावन बंधु आरोपी हैं। वर्षा राउत को मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। यह उनको पेश होने के लिए जारी तीसरा समन है, इससे पहले वह दो बार स्वास्थ्य आधार पर एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुई हैं। पूछताछ के लिए उन्हें समन धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है।
पत्नी को समन मिलने पर राउत का हमला
पत्नी वर्षा राउत को ईडी का समन मिलने के बाद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए वार किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ”आ देखें जरा, किसमें कितना है दम। जमकर रखना कदम, मेरे साथिया…।” हालांकि, राउत ने ट्वीट में किसी का नाम तो नहीं लिखा, लेकिन ईडी का पत्नी को समन मिलने के बाद यह किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि संजय राउत का यह ट्वीट उनकी पत्नी को मिले समन को लेकर ही पलटवार है। राउत के इस ट्वीट को 16 हजार से ज्यादा लोगों ने खबर लिखे जाने तक पसंद किया था। वहीं, अब तक तकरीबन ढाई हजार लोग री-ट्वीट कर चुके हैं।
ईडी ने पिछले साल दर्ज किया था मामला
आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि ईडी वर्षा राउत से उस राशि की रसीद के बारे में पूछताछ करना चाहता है, जिसका कथित तौर पर बैंक से गबन किया गया था। ईडी ने पिछले साल अक्तूबर में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल), उसके प्रमोटर राकेश कुमार वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन, उसके पूर्व अध्यक्ष वी. सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस के खिलाफ पीएमएलए के एक मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने पीएमसी बैंक को कथित रूप से ‘प्रथम दृष्टया गलत तरीके से 4355 करोड़ रुपये का नुकसान और खुद को लाभ पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था।’
शिवसेना ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर लगाया था आरोप
एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महागठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हिस्सा शिवसेना ने पहले आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उन्हें गलत तरीके से निशाना बना रही हैं। हाल ही में शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हुए भाजपा के पूर्व नेता एकनाथ खडसे को भी ईडी ने पुणे के भोसरी इलाके में एक भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन मामले के संबंध में 30 दिसंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है।