भारत ने चीन को करारा जवाब देते हुए अपने सभी एयरलाइंस से चीनी नागरिकों की भारत में यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। हालांकि यह आदेश अनौपचारिक है, लेकिन इसे चीन को करार जवाब देने के तौर पर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि नवंबर में ही ड्रैगन ने भारतीय यात्रियों के लिए इसी तरह के आदेश पारित किए थे।
दोनों देशों के बीच उड़ानें काफी दिनों से निलंबित हैं, लेकिन चीनी यात्री दूसरे देश होते हुए भारत पहुंच रहे हैं, जिसके साथ हवाई यात्रा बाधित नहीं है। इसके अलावा, ऐसे देशों में रहने वाले चीनी नागरिक भी काम और व्यापार के लिए वहां से भारत आ रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह के अंत में भारतीय और विदेशी दोनों एयरलाइनों को विशेष रूप से कहा गया है कि वे चीनी नागरिकों को भारत न भेजें। फिलहाल भारत में पर्यटक वीजा निलंबित है, लेकिन विदेशियों को काम पर और गैर-पर्यटक वीजा की कुछ अन्य श्रेणियों में यात्रा करने की अनुमति है। सूत्रों का कहना है कि भारत में उड़ान भरने वाले अधिकांश चीनी नागरिक यूरोप होते हुए यहां आते हैं।
कुछ एयरलाइनों को अधिकारियों ने लिखित में देने के लिए कहा है ताकि वे भारत के लिए उड़ान के लिए बुक किए गए चीनी नागरिकों को वर्तमान मानदंडों के अनुसार मना करने का कारण दे सकें।
भारत की प्रतिक्रिया तब आई है जब भारतीय मल्लाह विभिन्न चीनी बंदरगाहों में फंसे हुए हैं, क्योंकि चीन उन्हें किनारे पर या यहां तक कि चालक दल को बदलने की अनुमति देने से इनकार कर रहा है। इससे लगभग 1,500 भारतीय प्रभावित हुए हैं क्योंकि वे घर वापस नहीं आ सकते हैं।
नवंबर की शुरुआत में, चीन ने महामारी के कारण भारत सहित कुछ देशों से वैध चीनी वीजा या निवास परमिट रखने वाले विदेशी नागरिकों के प्रवेश को निलंबित कर दिया था। भारत में चीनी दूतावास ने 5 नवंबर को अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा था, “भारत में चीनी दूतावास / वाणिज्य दूतावास वीजा या निवास परमिट की उपरोक्त श्रेणियों के धारकों के लिए स्वास्थ्य घोषणा पत्र पर मुहर नहीं लगाएगा।”