पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में भगोड़ा घोषित हुए डीआईजी अरविन्द सेन की सम्पत्ति कुर्क करने की नोटिस चस्पा करने के साथ ही पुलिस कार्रवाई और तेज हो गई है। इसी कड़ी में पुलिस ने गोमतीनगर में उनके फ्लैट के अलावा अयोध्या व अम्बेडकरनगर में एक दर्जन से अधिक चल-अचल सम्पत्ति चिन्हित कर ली है। करोड़ों की चल-अचल सम्पत्ति के बारे में कई और जानकारियां खंगाली जा रही है। कानूनी औपचारिकता पूरी होते ही हजरतगंज पुलिस एक साथ इन सम्पत्तियों को कुर्क कर देगी। वहीं यह भी दावा किया जाने लगा है कि डुगडुगी पिटने के बाद डीआईजी अरविन्द सेन समर्पण करने की जुगत में लग गये हैं।
शुक्रवार को ही पुलिस ने कोर्ट से कुर्की से पहले की कार्यवाही करने की अनुमति मिलने के बाद गोमती नगर स्थित उनके आवास पर कुर्की की नोटिस चस्पा कर दी थी। साथ ही डुगडुगी भी पिटवा दी थी। इस फर्जीवाड़े में 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में पीड़ित व्यापारी इंदौर निवासी मंजीत भाटिया ने एफआईआर दर्ज करायी थी। इसकी जांच एसीपी श्वेता श्रीवास्तव कर रही है।
वहीं कुर्की की कार्रवाई हजरतगंज पुलिस करेगी। इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि डीआईजी अरविन्द सेन के घर नोटिस चस्पा कर दी गई है। अब नियमानुसार कुर्की की कार्रवाई जनवरी में होगी। उनकी तीन जिलों में चल-अचल सम्पत्ति का पता चला है। इन सभी जगह एक साथ कुर्की की कार्रवाई की जायेगी।
निलम्बन हुआ और अब इनामी भी
एसटीएफ की जांच में अरविन्द सेन की भूमिका उजागर होने के बाद शासन ने उन्हें निलम्बित कर दिया था। इसके साथ ही कुछ समय पहले ही अरविन्द सेन पर 25 हजार रुपये इनाम भी घोषित किया जा चुका है। अरविन्द सेन के साथ ही इस फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपियों से साठगांठ रखने में एक और डीआईजी दिनेश चन्द्र दुबे को भी शासन ने निलम्बित कर दिया था। हालांकि इस फर्जीवाड़े से दिनेश चन्द्र का कोई लेना-देना नहीं था। उनका नाम अन्य मामलों में सामने आया था। उधर पुलिस महकमे में इस बात की चर्चा काफी है कि आखिर कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने और अब भगोड़ा घोषित होने के बाद भी अरविन्द सेन हाजिर होने से क्यों बच रहे हैं।