दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने दिल्ली दंगों के कुछ आरोपियों का केस लड़ रहे वकील महमूद प्राचा के खिलाफ निजामुद्दीन थाने में एफआईआर दर्ज की है। वकील प्राचा पर एक सरकारी कर्मचारी को आपराधिक बल का प्रयोग करके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 186, 353 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने प्राचा के दफ्तर में छापेमारी भी की थी।
वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे मामलों के कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील महमूद प्राचा के ऑफिस में तलाशी के संबंध में शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
अदालत वकील की ओर से दायर एक अर्जी पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) ने उनके खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज करने के बारे में धमकी दी है।
पांच जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट मांगने के अलावा, अदालत ने मामले के जांच अधिकारी को प्राचा के ऑफिस परिसर में उनके द्वारा ली गई किसी तलाशी की पूरी वीडियो फुटेज के साथ सुनवाई की अगली तारीख 27 दिसंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।
प्राचा ने अदालत को बताया कि 24 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से लेकर 25 दिसंबर को तड़के लगभग 03:00 बजे तक उनके ऑफिस में तलाशी ली गई और कानून के अनुसार जांच अधिकारी को संबंधित मजिस्ट्रेट को तलाशी और जब्त की गई सामग्री के बारे में बताना चाहिए जिसके बाद अदालत ने यह निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि हालांकि, वह नहीं किया गया और इसलिए उन्होंने इस संबंध में एक अर्जी दायर की है। अदालत ने जांच अधिकारी को प्राचा की याचिका का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।